न्यूज जंक्शन 24, नैनातील। हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में रैगिंग (ragging in medical college) का मामला अब हाई कोर्ट पहुंच गया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के 27 छात्रों के साथ रैगिंग किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की, जिसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने इस मामले की जांच के लिए कुमाऊं कमिश्नर व डीआईजी कुमाऊं की दो सदस्यीय कमेटी गठित की है।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दो सप्ताह के भीतर जांच कर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 मार्च की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कालेज में 27 छात्रों के सिर मुंडवाकर कर उनके साथ रैगिंग (ragging in medical college) की गई। उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग (ragging in medical college) की कोई शिकायत नहीं आयी है।
सच्चिदानंद डबराल के अनुसार समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो में पता लगा कि यह सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं। प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश (ragging in medical college) इनके सीनियरों ने दिए हैं। इस मामले को रैंगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। जहां तक छात्रों के बाल काटने का मामला है, कॉलेज की तरफ से कहा जा रहा है कि छात्रों के सिर में डैंड्रफ व जुएं पड़ गए थे। इसलिए इनके बाल मुंडवा दिए। याचिकाकर्ता द्वारा वायरल वीडियो को कोर्ट में दिखाया गया।
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