न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। बेटियां भले ही आज हर क्षेत्र में पुरुषों को कंधा मिला रही हैं, मगर हकीकत में हमारा समाज आज भी बेटियों को बराबरी का दर्जा नहीं देता। मगर बिहार के मधुबनी के डॉक्टर दंपती ने घर में बेटी (Land on the Moon) का जन्म होने पर समाज को प्रेरक और सकारात्मक संदेश देने की पहली की है।
मामला बिहार के मधुबनी जिले का है, जहां के एक डॉक्टर दंपती के परिवार सात पीढ़ियों के बाद पहली बेटी का जन्म हुआ। इससे पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। बेटी 10 साल की हुई तो परिवार ने उसके लिए चांद पर जमीन खरीद ली और उसे बर्थ डे पर गिफ्ट कर दिया। मधुबनी के झंझारपुर के आरएस बाजार इलाके में रहने वाले डॉ. सुरविंदु झा और डॉ. सुधा झा ने अपनी बेटी आस्था भारद्वाज के नाम से चांद पर एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री (Land on the Moon) कराई है। झंझारपुर में निजी नर्सिंग होम चलाने वाले डॉ. सुरविंदु झा का कहना है कि आस्था भारद्वाज उनके खानदान की पहली बेटी है।
सुरविंदु ने कहा कि बेटियां किसी भी खानदान की मान और सम्मान होती हैं, लेकिन उनके खानदान में करीब सात पीढ़ियों से बेटियों की किलकारी और हंसी नहीं गूंजी थी, इसलिए जब उनके घर में आस्था का जन्म हुआ तो परिवार काफी खुश है। इसलिए इस खुशी को खास बनाने के लिए हमने अपनी बेटी को चांद पर जमीन (Land on the Moon) खरीदकर गिफ्ट किया है।
डॉ. सुरविंदु झा के मुताबिक बेटी के लिए चांद पर जमीन (Land on the Moon) खरीदने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब डेढ़ वर्ष का वक्त लगा। सबसे पहले उन्होंने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित लूना सोसायटी की वेबसाइट पर आवेदन किया। फिर तमाम तरह की कागजी प्रक्रिया पूरी करने और जमीन की कीमत और रजिस्ट्री शुल्क की राशि ऑनलाइन भुगतान करवाने के बाद 27 जनवरी, 2022 को स्पीड पोस्ट से उन्हें चांद पर जमीन रजिस्टर्ड कराने का पेपर मिला है।
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