हल्द्वानी। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान हुए कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से ही सरकार लगातार विरोधियों के निशाने पर है। अब मामले में कांग्रेस ने एक और बड़ा आरोप लगाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की है। चुनावी साल होने के नाते भी सरकार पर इस तरह से लगातार राजनीतिक हमले किए जा रहे हैं। मामले में अब उपनेता प्रतिपक्ष एवं रानीखेत से विधायक करन माहरा ने आरोप लगाया है कि कोरोना जांच में फर्जीवाड़े को लेकर जिन तीन निजी लैबों पर मुकदमा हुआ है, उनमें से एक लैब द्वाराहाट निवासी कारोबारी की है। इस कारोबारी के भाजपा के बड़े नेताओं से करीबी संबंध हैं। इसलिए सरकार ने आइसीएमआर के नियमों को ताक पर रखकर लैब को जांच का जिम्मा सौंपा गया।
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माहरा ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ करोड़ों का घोटाला नहीं है, बल्कि फर्जीवाड़े के जरिये लोगों की जिदंगी को भी दांव पर लगाया गया है। क्योंकि कुंभ के बाद से प्रदेश में अचानक कोरोना का ग्राफ बढ़ता गया। पत्रकारों से वार्ता के दौरान माहरा ने कहा कि जो लोग कुंभ में कभी शामिल ही नहीं हुए, जांच में उनके नाम दर्ज होना चौंकाता है। जांच के लिए आधार कार्ड की जरूरत होती है। होटलों में जमा आइडी की फोटोकॉपी कराकर फर्जी तरीके से आधार कार्ड तैयार किए गए, ताकि जांच का बिल बढ़ाया जा सके। इसलिए पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर लोगों की जिदंगी से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों और मंत्रियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उप नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि 25 जून को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस हरिद्वार में सत्याग्रह कर फर्जीवाड़े की पोल खोलेगी।
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जिम्मा मिले तो मैं तैयार हूं
डाॅ. इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद नेता प्रतिपक्ष के लिए भी करन माहरा का नाम सुर्खियों में हैं। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर शीर्ष नेतृत्व मौका देता है तो पूरी ईमानदार से जिम्मेदारी निभाऊंगा। किसी अन्य साथी का नाम फाइनल होने पर उसके साथ भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहूंगा। हालांकि, माहरा ने कहा कि साढ़े चार साल में जिन सात बड़े मुद्दों पर कार्रवाई हुई, उनमें से छह उनके द्वारा सदन में उठाए गए थे।