न्यूज जंक्शन 24, हरिद्वार : उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में मतदान खत्म हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि भाजपा में भूचाल खड़ा हो गया।
विपक्ष से चुनाव जीतने के दावे तो दूर पार्टी के कुछ नेताओं ने अपनी ही पार्टी के प्रमुख नेताओ को कठघरे में खड़ा कर दिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि एक मौजूदा विधायक ने तो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पर ही गंभीर आरोप लगा डाले हैैं। इसको लेकर पार्टी असहज हो गई है।
मौजूदा विधायक और लक्सर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी संजय गुप्ता ने मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के खिलाफ जमकर आग उगली। उन्होंने कौशिक की संपत्ति व आय के स्रोत की जांच कराने की मांग उठा डाली। यह भी साफ कर दिया कि वह इतनी देर से क्यों बोल रहे हैैं? उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के परम भक्त हैं। पार्टी को नुकसान न हो, इसलिए मतदान से पहले चुप रहा। लेकिन अब बोले बिना चुप नहीं रह सकता। क्योंकि यह जांच का विषय है कि दूध का छोटा सा व्यापारी राज्य स्थापना के बाद महज 20 साल में हजारों करोड़ का कारोबारी कैसे बन गया? उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किया है। पार्टी को इसकी जांच करानी चाहिए। संजय गुप्ता ने आरोप लगाया कि शहरी विकास मंत्री रहते हुए विपक्षी विधायक से मिलकर हरिद्वार के धार्मिक स्वरूप को बिगाडऩे के लिए मंगलौर में स्लाटर हाउस खोलने का आदेश जारी कर दिया। विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि वह इस मामले को पार्टी हाईकमान तक ले जाएंगे। पार्टी हाईकमान को पूरे मामले की जांच करानी चाहिए।
इस मामले में मदन कौशिक ने कहा कि संजय गुप्ता के आरोपों के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने क्या बोला है और क्यों बोला है। यह पता चलने पर ही कुछ बता पाएंगे।
ऐसा ही दूसरा मामला चम्पावत के भाजपा विधायक व पार्टी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने उठाया है। आरोप लगाया कि पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं ने भितरघात करके उनको वोट न पड़वाने का काम किया है। यह पार्टी विरोधी कृत्य है। पार्टी को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। गहतोड़ी ने यह आरोप भी पत्रकार वार्ता करके लगाया। गहतोड़ी के आरोप पर जिलाध्यक्ष भाजपा दीप चंद्र पाठक ने कहा कि विधायक को भितरघात करने वालों के नाम लिखित में उजागर करने चाहिए। ताकि पार्टी शीर्ष नेता कार्रवाई कर सकें।
तीसरी विधानसभा सीट काशीपुर है। जहां विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी कहा है कि कम वोट पड़ने का कारण पार्टी के अंदर के नेता शामिल हैं। पार्टी हाईकमान को यह देखना होगा कि किस तरह इन लोगों ने भितरघात किया है।
कुल मिलाकर मतदान निपटते ही पार्टी में एकाएक आए इस भूचाल से वरिष्ठ नेतृत्व असहज हो गया है। देखते हैैं कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व इस पर क्या संज्ञान लेता है।