न्यूज जंक्शन 24, बरेली। फर्जी फर्म के जरिये करीब 8.77 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का चूना लगाने वाले मेंथा कारोबारी अजय शर्मा पर आखिरकार तीन दिन की लंबी पूछताछ के बाद कार्रवाई हो गई। सेंट्रल जीएसटी ने बरेली से गिरफ्तारी कर कारोबारी को मेरठ की स्पेशल सीजेएम कोर्ट में शुक्रवार को पेश किया। कोर्ट से उसे जेल भेज दिया गया। जीएसटी में फर्जीवाड़े पर जेल भेजे जाने की बरेली में पहली कार्रवाई होने से टैक्स चोरों में खलबली मच गई है। विभाग के निशाने पर अभी कई और बड़े कारोबारी भी बताए जा रहे हैं। कार्रवाई के बाद गड़बड़ी करने वाले सतर्क हो गए हैं।
वाणिज्य कर विभाग की टीम ने नौ नवंबर, 2020 को बरेली और शाहजहांपुर के जलालाबाद में मेंथा ऑयल की 22 फर्मों की जांच की थी। जांच में दो फर्में फर्जी मिली थीं। इन फर्मों से बिल जारी किए जा रहे थे। फिर इसका आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) भी लिया जा रहा था। अधिकारियों ने सभी फर्म वालों को बुलाकर उनके दस्तावेज चेक किए तो इसमें बड़ा गोलमाल पकड़ा गया था। पूछताछ के दौरान मेंथा कारोबारी आपस में ही बिलों को घुमा रहे थे। शक होने पर एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू (एसआईबी) आरके पांडेय के निर्देशन में अगले दिन बरेली की आठ और शाहजहांपुर की 14 फर्मों पर और छापेमारी की गई थी। जलालाबाद की बाबा ट्रेडर्स और राजर्स ट्रेडर्स नाम से फर्म फर्जी पाई गई थी। फर्मों का मौके पर कोई अस्तित्व नहीं मिला था। इसके बाद कारोबारियों के संपर्क में आने वाले की तलाश में यूपी, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में टीमें डेरा डाले रहीं। कई लोगों से पूछताछ भी की। इस दौरान गड़बड़ी को लेकर कई अहम सबूत मिले। जिसके बाद 30 मार्च को स्टेट जीएसटी के इनपुट पर सेंट्रल जीएसटी डिविजन बरेली ने आशुतोष सिटी में रहने वाले मेंथा कारोबारी अजय शर्मा की फर्म विशु ट्रेडर्स पर छापा मारा। यहां फर्जी फर्मों के जरिये आईटीसी का लाभ लेने का मामला सही पाया गया। 94.79 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों के जरिये 8.77 करोड़ रुपये की चोरी पकड़ी गई। कारोबारी के यहां तमाम फर्जी दस्तावेज मिले।