नई दिल्ली। अगर आपके पीएफ खाते में ढाई लाख से ज्यादा की रकम जमा होती है तो उस पर टैक्स देने के लिए तैयार हो जाइए। क्याेंकि अगले महीने यानी एक अप्रैल से ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कर्मचारियों के पीएफ को लेकर नियम बदलने वाला है। इसके तहत एक वित्त वर्ष में ईपीएफ में 2.5 लाख तक का निवेश ही टैक्स फ्री होगा। उससे ज्यादा निवेश करने पर अतिरिक्त राशि पर ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा।
उदाहरण के तौर पर समझें तो, अगर आपके पीएफ खाते में सालाना पांच लाख रुपये जमा होते हैं तो ढाई लाख की रकम टैक्स से मुक्त होगी, जबकि शेष ढाई लाख की रकम पर आपको टैक्स देना होगा। एक फरवरी को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी।
नए नियम से मोटी सैलरी पाने वाले कर्मचारी ही प्रभावित होंगे। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इस प्रस्ताव से केवल एक फीसदी पीएफ खाताधारकाें पर ही असर पड़ेगा। अभी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से भी ज्यादा है।
सरकार का पीएफ खातों पर टैक्स लगाने का मकसद यह है कि कई लोग टैक्स से बचने के लिए पीएफ खाते में ज्यादा रकम जमा कराते हैं। इससे सरकार के राजस्व को घाटा पहुंचता है। यही टैक्स वसूलने के लिए सरकार यह नियम लेकर आई है। 2016 के बजट में भी केंद्र सरकार ने ईपीएफ में जमा रकम के 60 फीसदी ब्याज पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया था। हालांकि काफी विरोध के बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया था, मगर इस बार वह पूरी तैयारी के साथ यह नियम लागू कर रही है।