लखनऊ। देशभर में सबसे कम उम्र की बच्ची पर कोवाक्सिन का ट्रायल कानपुर में हुआ है। बुधवार को प्रखर हॉस्पिटल में ढाई साल की बच्ची को वैक्सीन लगाई गई। इससे पहले 2 साल 8 माह के बच्चे पर ट्रायल हुआ था। 10 बच्चों को वैक्सीन लगाने के साथ ही ट्रायल का पहला चरण पूरा हो गया।
बच्चों में कोवाक्सिन के ट्रायल के लिए देशभर में प्रखर हॉस्पिटल सहित छह सेंटर बनाए गए है। इन अस्पतालों में तीन श्रेणियों दो साल से 6 साल, 7 से 12 साल और 13 से 18 साल के बच्चों में ट्रायल हो रहा है। बुधवार को ट्रायल के बाद चीफ इन्वेस्टिगेटर डॉ. वीएन त्रिपाठी और सह इन्वेस्टिगेटर डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि इससे पहले भी सबसे छोटे बच्चे पर ट्रायल कानपुर में हुआ था। उन्होंने बताया कि छह साल तक के 10 बच्चों में कोवाक्सिन के ट्रायल के तौर पर टीके लगाए गए हैं। जिन बच्चों को वैक्सीन लगाई गई, उनमें लखनऊ के एक वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ के बच्चे, उनके भाई के बच्चे, लखनऊ के ही एक रेडियोलॉजिस्ट का बच्चा, एक राजनीतिक पार्टी के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि का बच्चा, कानपुर देहात के व्यवसाई आदि के बच्चे शामिल हैं।
वैक्सीन लगाने से पहले मंगलवार को इन सभी बच्चों की ब्लड जांच, शारीरिक परीक्षण और आरटीपीसीआर जांच कराई गई। रिपोर्ट में उपयुक्त पाए जाने पर इन्हें टीके लगाए गए। इन बच्चों को 28 दिन बाद वैक्सीन की दूसरी रोज लगाई जाएगी। प्रखर हॉस्पिटल में तीन श्रेणियों में 55 बच्चों में कोवाक्सिन का ट्रायल हुआ। इसमें 2 से 6 साल तक की श्रेणी के 15, 7 से 12 साल तक के और 13 से 18 साल तक के 20-20 बच्चे शामिल रहे। इन बच्चों की जांच रिपोर्ट आईसीएमआर और उक्त वैक्सीन बनाने वाली कंपनी को भेजी गई है।
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