न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए रैलियों-सभाओं पर प्रतिबंध लगा रखा है। जनसंपर्क की छूट दी गई है। यूपी में चुनाव प्रचार के लिए विभिन्न दलों के प्रत्याशी मीडिया, सोशल मीडिया के जरिये मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। इसके लिए प्लास्टिक के बैनर-पोस्टर आदि का भी इस्तेमाल हो रहा है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई है।
उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान प्लास्टिक के बेजा इस्तेमाल को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजा है। हाईकोर्ट में यूपी चुनाव के दौरान प्लास्टिक से बनी प्रचार सामग्री के अंधाधुंध इस्तेमाल को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। इसके मद्देनजर ही अदालत ने निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश राज्य, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य को भी नोटिस भेजकर 3 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस प्रिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है। जनहित याचिका में यूपी चुनाव के दौरान पीवीसी और क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक के बैनर-पोस्टर, होर्डिंग-फ्लैक्स या झंडे के निर्माण और उसके इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की मांग की गई है। गाजियाबाद के रहने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता और वकील आकाश वशिष्ठ ने यह याचिका दायर की है।
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