हरिद्वार (haridwar) : नसबंदी के बाद भी हरिद्वार जिले में एक महिला के मां बनने का मामला संज्ञान में आया है। इससे मानसिक रूप से परेशान हुई महिला ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई। जिस पर आयोग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी व चिकित्सक पर महिला को बतौर मुआवजा साढे ₹400000 देने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में ₹10000 भी इन दोनों अधिकारियों को भुगतान करने होंगे। आयोग ने शिकायत खर्च अधिवक्ता फीस के ₹5000 भी शिकायतकर्ता को देने के लिए कहा है।
शिकायतकर्ता महिला प्रतिभा पत्नी अर्जेस ग्राम शिवदासपुर के रहने वाले हैं। महिला ने आरोप लगाया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादराबाद में नसबंदी कराई थी। चिकित्सक ने उसे गर्भधारण न होने का भरोसा दिया था। बाबजूद उसके गर्भ ठहर गया। उसके पास पहले ही छह बच्चे हैं। नसबंदी के बाद पैदा हुए बच्चे से पड़ने वाले आर्थिक बोझ को लेकर वह मानसिक रुप से काफी परेशान है। आयोग के अध्यक्ष कवर सेन ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद उपभोक्ता सेवा में कमी पाई। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी व सीएमओ को जिम्मेदार मानते हुए महिला को साढ़े चार लाख रुपये देने के आदेश दिए। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 10 हजार रुपए, शिकायत खर्च व अधिवक्ता खर्च के पांच हजार रुपए देने के निर्देश दिए हैं।