रुद्रपुर। विगत 6 साल से एक तहसीलदार की पिटाई के मामले में चल रहे मुकदमे में आरोपी प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे आज मंगलवार को कोर्ट से बरी हो गए। पक्ष विपक्ष दोनों को सुनने के बाद कोर्ट ने उनको बरी कर दिया। इस मामले पर प्रदेश सरकार समेत विपक्षी दलों की नजरे भी टिकी हुई थीं। फैसले को लेकर क्षेत्रवासियों में भी धुकधुकी लगी रही, लेकिन जब फैसला आया तो समर्थकों की बाछें खिल उठीं।
25 अगस्त 2015 को गदरपुर में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और उनके समर्थकों पर तहसीलदार शेर सिंह ग्वाल से अभद्रता और पिटाई का आरोप लगा था। मामले में मंत्री अरविंद पांडेय समेत 15 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। बाद में मामला न्यायालय पहुंच गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीवाकर पांडे और अधिवक्ता चरनजीत सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से इस मामले में धारा 321 सीआरपीसी में जिला न्यायालय में वाद वापसी के लिए पत्र आया था। जिसे निरस्त कर दिया गया था। दोबारा मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत में हुई थी। अधिवक्ता दीवाकर पांडे के अनुसार मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय सहित 15 लोगों को दोषमुक्त कर दिया है। इससे भाजपाई और समर्थकों की बांछें खिल उठीं। शिक्षामंत्री पांडेय ने कहा कि न्याय की जीत हुई है।