न्यूज जंक्शन 24, नैनीताल।
प्रदेश में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन को लेकर हाई कोर्ट ने सोमबार को पूरी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। हाइकोर्ट ने प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाए करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जांच किये गए शिक्षकों की डिग्रियों की रिपोर्ट सोमबार को कोर्ट में पेश करने को कहा है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि अभी तक सरकार ने करीब 13 सौ शिक्षकों के डिग्री की जांच कर ली गयी है। अन्य के डिग्रियों की जाँच करने के लिए छह माह में समय दिया जाए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खण्डपीठ में स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि राज्य के प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किये गए है जिनमे से कुछ अध्यापको की एसआईटी जांच की गई, नाम भी सामने आए परन्तु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी भी कार्यरत है। संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जांच करने को कहा है। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है, अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी पाए गए है।