नैनीताल । प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन पर कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला है। किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं फायरब्रांड युवा चेहरा वरुण प्रताप सिंह भाकुनी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव से ठीक 1 साल पूर्व मुख्यमंत्री बदलने की घोषणा कर भाजपा ने अपनी हार कबूल ली है। नेतृत्व परिवर्तन से भाजपा अपनी नाकामी छिपा नहीं सकती है। भाजपा में चल रहा अंतर्द्वंद अब सबके सामने है। यह निर्णय लेकर उन्होंने प्रमाणित कर दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त भाजपा सरकार निष्क्रिय, निकम्मी और जनविरोधी रही। त्रिवेंद्र सरकार में केवल अफसरशाही हावी रही तथा सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त रही। उनके कार्यकाल में क्षेत्रवाद को बढ़ावा दिया गया और कोरोना महामारी से निपटने में भी उन्होंने ढिलाई बरती। जनप्रतिनिधियों को किसी भी निर्णय से पहले विश्वास में नहीं लिया गया। जिस कारण मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज से पूर्व मुख्यमंत्री हो गए हैं।
4 साल पूरे होने पर जश्न की तैयारी में डूबी सरकार अब खुद संकट में आ चुकी है। श्री तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री बनाने से भारतीय जनता पार्टी को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। यह कवायद सिर्फ सरकार की नाकामी पर पर्दा डालने के लिए की गई है। 4 वर्षों से जो सरकार कुछ ना कर पाई 1 साल में क्या नया कर लेगी। प्रदेश में बेरोजगारी अपने चरम पर है और पूरे देश में उत्तराखंड ने बेरोजगारी में नया रिकॉर्ड बनाया है। उत्तराखंड में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 4 सालों में भाजपा सरकार द्वारा कोई विशेष कार्य नहीं किए गए। केंद्र और प्रदेश की सरकारें महंगाई पर रोक लगाने में नाकाम रही। पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस के बढ़ते दामों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। लोग 2 वक्त की रोटी के लिए तरस गए हैं। किसान खेतों की बजाए सड़कों पर अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। आज जनता बड़ी बेसब्री से कांग्रेस की ओर देख रही है और प्रदेश में परिवर्तन लाना चाहती है। मुख्यमंत्री बदलना यह साबित करता है कि जनता भाजपा को पूरी तरह खारिज कर चुकी है। आने वाला समय निश्चित रूप से कांग्रेस का होगा ।