देहरादून। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक किस्सा इन दिनों काफी तेजी से वायरल हो रहा है। अपने जीवन के अतीत का किस्सा उन्होंने खुद सुनाया, जब बीतेे दिनों उन्होंने लॉकडाउन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कई लोगों पर अनावश्यक तरीके से ज्यादा ही सख्ती करते हुए मुकदमे दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि जैसे कई सालों पहले उन्होंने अपना समय जेल में बिताया था, वह नहीं चाहते कि इन लोगों को बेवजह जेल की हवा खानी पड़े। इसी दौरान उन्होंने अपनी बीती कहानी बताई जो राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी है।
उन्होंने बताया कि कारसेवा के लिए वह भी अयोध्या गए थे। वहां लौटे तो उन्होंने गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया। उस दिन जमानत नहीं हो सकती थी, इसलिए रात जेल में ही बितानी थी। उन्होंने बताया कि जिस बैरक में उन्हें रखा गया था, उस बैरक में बिजनौर का भी एक बंदी बंद था। उससे बात की पता चला कि उसे चार हत्याएं करने के आरोप में वहां बंद किया गया था। उन्होंने कहा कि जब अगले दिन जमानत मिली तो चैन की सांस ली।