देहराूदन। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला अाज होने वाले भाजपा विधायक मंडल की बैठक में साफ हो जाएगा। फिलहाल कुछ नामों को लेकर कयासबाजी जोरों से चल रही है। इनमें उच्च शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार धन सिंह रावत का नाम सबसे ऊपर है। वह त्रिवेंद्र रावत के करीबी भी माने जाते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उनकी पृष्ठभूमि उनकी दावेदारी को और मजबूत करती है। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का नाम भी चर्चा में है। फिलहाल आज दोपहर में होने वाली विधायकमंडल की बैठक में किसी एक नाम पर मुहर लगा दी जाएगी।
18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तभी से वह सरकार को चला रहे थे। उम्मीद थी त्रिवेंद्र सिंह रावत अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, मगर नौ महीने पहले ही उनको इस्तीफा देना पड़ गया। उसकी वजह सरकार में विधायक, सांसद और मंत्रियों की उनके प्रति गहरी नाराजगी मुख्य कारण बताया जा रहा है। चर्चा तो यह भी है कि हाल ही में उन्होंने गैरसैण मंडल का गठन किया था, जिसमें जिन 4 जिलों को शामिल किया है, उन जिलों के विधायक और सांसदों की ही राय नहीं ली गई। इससे विद्रोह की आग और बढ़ गई। अंततः गुस्से की चिंगारी दिल्ली तक पहुंच गई और हाईकमान को मुख्यमंत्री हटाने का फैसला लेना ही पड़ा। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने अपना इस्तीफा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंप दिया था।
इसके अलावा भाजपा पहली बार राज्य में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मॉडल को लागू करने जा रही है। जिसमें कुमाऊं और गढ़वाल का संतुलन बनाए रखने के लिए कुमाऊं की खटीमा सीट से विधायक पुष्कर सिंह धामी को उप मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा है, हालांकि अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं है। कहा जा रहा है कि आज होने वाली विधानमंडल दल की बैठक में फैसला होगा और उसके बाद नई सरकार शपथ ग्रहण भी कर लेगी।