उत्तराखंड में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या के बाद प्रमुख चार धामों के कपाट बंद होने की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत यमुनोत्री, केदारनाथ और गौरीकुंड के कपाट भाईदूज के पावन पर्व पर विधि-विधान के साथ शीतकालीन बंदी के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इन धामों की उत्सव डोलियां अपने शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए रवाना हो गईं।
यमुनोत्री मंदिर समिति के अनुसार, मां यमुना मंदिर के कपाट दोपहर 12:30 बजे बंद किए गए और मां यमुना की डोली खरसाली गांव के लिए प्रस्थान की, जहां छह माह तक उनका शीतकालीन प्रवास रहेगा।
केदारनाथ धाम में सुबह 8:30 बजे कपाट बंद किए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना में भाग लिया। बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली ओम्कारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई।
गौरीकुंड में मां गौरा माई के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बंद किए गए। उनकी डोली गौरी गांव के लिए रवाना हुई, जहां वे छह माह तक शीतकालीन प्रवास करेंगी।
गंगोत्री धाम में मां गंगा मंदिर के कपाट अभिजीत मुहूर्त में पूर्वाह्न 11:36 बजे बंद किए गए। मां गंगा की उत्सव डोली और भोगमूर्ति मुखबा गांव में छह माह तक रहेंगे। इस वर्ष गंगोत्री धाम में अब तक 7,58,249 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। इन सभी धामों में छह माह तक शीतकालीन बंदी रहेगी, इस दौरान श्रद्धालु शीतकालीन गढ़ी स्थलों पर पूजा-अर्चना कर सकेंगे।







