यमुनोत्री हाईवे बंद, ग्रामीण पैदल तय कर रहे हैं कई किलोमीटर का सफर

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उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तरकाशी जनपद में मूसलाधार बारिश से गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे कई स्थानों पर भूस्खलन और भूधंसाव के कारण पूरी तरह बाधित हो गए हैं। इससे आम नागरिकों और श्रद्धालुओं को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी के पास पहाड़ी से लगातार मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं। इसके चलते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। बीआरओ को रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण हाईवे खोलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उधर, यमुनोत्री हाईवे की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। स्याना चट्टी, कुपड़ा खड्ड और अन्य स्थानों पर भारी भूस्खलन और सड़क धंसने से मार्ग अवरुद्ध हो गया है। यमुना घाटी के ग्रामीणों को तहसील मुख्यालय तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने एनएच विभाग से हाईवे को जल्द बहाल करने की मांग की है।

एनएच के अधिशासी अभियंता मनोज रावत ने बताया कि लगातार हो रहे भूस्खलन और चट्टानों से गिरते मलबे के कारण राहत कार्यों में बार-बार बाधा आ रही है, लेकिन टीम लगातार प्रयासरत है।

इसी बीच, स्याना चट्टी क्षेत्र में यमुना नदी पर बन रही झील एक नई चुनौती बनकर सामने आई है। कुपड़ा खड्ड और अन्य धाराओं से आ रहे भारी मलबे और बोल्डर के कारण नदी का तल ऊंचा हो रहा है, जिससे जल निकासी बाधित हो गई है। सिंचाई विभाग के ईई पन्नी लाल ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और मलबा हटाने के लिए मौके पर मशीनें भेजी गई हैं।