आपको डरने की जरूरत है : rajesh bissa

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अब आप को डरने की जरूरत है क्योंकि यह डर ही आप को मजबूत बनाएगा। यही डर आपको एकजुट करेगा। यह डर ही भारत को जागृत और मजबूत बनायेगा। जिस दिन आप एकजुट हो गए। अपनी राय खुलकर रखने लग गये। उस दिन आप लोकतंत्र के चारों स्तंभ जो मृत्यू शैय्या की ओर जा रहे हैं उन्हे प्राण वायु देने में सफल हो सकेंगे।

हम रोज सुनते हैं कि लोकतंत्र के चार स्तंभ हमारे जीवन के आधार स्तंभ है। मैं आपको बता दूं, इस धोखे में मत रहियेगा क्योंकि यह चारों स्तंभ अपनी कसौटी पर प्रश्नचिन्ह लिए खड़े हैं।

चार स्तंभों के बारे में आप सोचेंगे तो आपको एक डरावनी छवि नजर आएगी –

पहला स्तंभ –  “विधायिका” – यह वह स्तंभ है जो झूठ फरेब नफरत पैसा और अनैतिकता के मिश्रण से तैयार होने लगा है। जिन्हें हम चुनकर मजबूत स्तंभ के रूप में भेज रहे हैं वही अपनी मंडी लगाए बैठे हैं। उन पर क्या विश्वास कीजियेगा।

दूसरा स्तंभ – “कार्यपालिका” – सरल भाषा में कहें तो शासन – प्रशासन।  जिसका बड़ा हिस्सा आकंठ तक भ्रष्टाचार में डूब चुका है। उसे अब सुरा सुंदरी और पैसा नियंत्रित करने लगा है।

तीसरा स्तंभ – “मीडिया” – कुछ अपवाद छोड़ दे तो  एक बहुत बड़ा मीडिया का तबका उस नर्तकी के रूप में खड़ा है, जिसके ऊपर जितना पैसा फेकों उतने ठुमके लगा देती है।

चौथा स्तंभ – न्यायपालिका समय के साथ राजनीतिक हस्तक्षेप का शिकार होती जा रही है।

आज मैं यह लिखने को इस लिये मजबूर हुआ हूं की देख रहा हूं एक न्यूज चैनल गली के किसी आवारा सा व्यबहार कर रहा है और सत्तारूढ़ भाजपा उसके बचाव का कवच और उसके द्वारा फैलायी जा रही आग को हवा देने पर तुली हुई है।

इसका शर्मसार करने वाला ताजातरीन उदाहरण आज देखने को मिला जब अर्नब  गोस्वामी पर हमले की खबर उसके चैनल के ट्यूटर हैंडल पर बाद में आयी पहले हमले की निंदा भाजपा ने की। यह षड़यंत्र नहीं तो क्या माना जाये।

अर्नब गोस्वामी और उनके चैनल आर भारत ने जिस तरह सारी मर्यादाऐं तोड़ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी व कांग्रेस के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है उसकी निंदा करना भी स्वयं अपने ऊपर स्याही फंकने के समान है।

आर भारत न्यूज़ चैनल के अर्नब गोस्वामी ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के संरक्षण में अपनी सारी नैतिकता व मीडिया धर्म को बला ऐ ताक पर रख दिया है। पालघर में दो साधु व उनके ड्राइवर की हत्या पर चर्चा करते हुए जिस तरह उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी के चरित्र पर प्रहार किए वह संपूर्ण मीडिया जगत को शर्मसार करने वाला था।

यह बात अलग है कि बहुत से मीडिया ग्रुपों ने सिर्फ मुस्कुरा कर काम चला लिया। जबकि यह अक्षम्य अपराध था। विरोध होना था। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मर्यादा कायम रखना था।

अर्नब गोस्वामी जिस तरह अपने चैनल पर हिंदू मुस्लिम नफरत फैलाने का प्रयास करते हैं। गैर भाजपाई दलों के लोगों को शर्मसार करने का प्रयास करते हैं। मीडिया तंत्र का अंग होने का फायदा उठा अमर्यादित बातें और टिप्पणी करते हैं। वह देश के लिए घातक है। अर्नब गोस्वामी के ऊपर भारतीय प्रेस परिसद  को तत्काल कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। जिससे गोदी मीडिया को भी सबक मिल सके।

आज सत्ता के साथ उसकी ताल पर नाचने वालों के खिलाफ एक भी शब्द बोलना या लिखना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होता है।  मीडिया के उन साथियों को सलाम करना चाहिये, जिनने इस घटना की अपने मीडिया संस्थानों के साथ ही व्यक्तिगत रुप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कड़ी निंदा की। इस घटना की मीडिया हाउस या उन में कार्यरत  पत्रकार साथियों के द्वारा व्यक्तिगत रुप से करना बहुत दुष्कर कार्य था।

अर्नब गोस्वामी की बातों को सही ठहराने के लिए प्रसार-प्रचार करने मैदान में कूद चुकी भाजपा को अब ना तो नैतिकता दिख रही है,  ना ही नारी का अपमान,  ना ही देश का अभिमान।

आम जनमानस से मेरी विनती है कि जाग जाईये। ऐसे लोगों का बहिष्कार कीजिए जो नैतिकता के मापदंडों पर सड़क छाप साबित हुए हैं। अगर आपने आज अपनी जागरूकता नहीं दिखाई तो अन्याय के बारूद पर बैठे आप कब जल जायेंगे पता नहीं चलेगा।

राजेश बिस्सा
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लेखक राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत स्वतंत्र विचारक हैं। युवाओं के बारे लगातार लिखते रहते हैं।

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