नई दिल्ली। फिलीपींस में लॉकडाउन का नियम तोड़ने पर एक व्यक्ति को ऐसी सख्त सजा दी गई कि उसकी मौत ही हो गई। अब इस मामले में पुलिस और सरकार पर लोग सवाल उठा रहे हैं। इस देश में लॉकडाउन तोड़ने की सजा काफी सख्त है। किसी को पिजड़े में बंद कर दिया जाता है तो किसी को गर्मी के बीच तेज धूप में घंटों के लिए बैठा दिया जाता है।
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ताजा मामला मनीला के एक प्रांत का है। यहां 28 साल का डेरेन पानी लेने के लिए निकला था। हालांकि लॉकडाउन होने से उसे एक लोकल ग्रुप ने पकड़ लिया और उसे स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां लॉकडाउन का नियम तोड़ने पर उससे सैंकड़ों उठक-बैठक लगवाई गईं। इससे डेरेन चलने में असमर्थ हो गया और बीमार भी हो गया। किसी तरह लंगड़ाते हुए वह जब वह घर पहुंचा तो उसने अपनी पार्टनर को बताया कि उसे शरीर में काफी दर्द हो रहा है।
डेरेन की पार्टनर ने बताया कि उसे दिल की समस्या है और वह काफी तकलीफ में था। मैंने उनसे पूछा था कि आखिर वो चल क्यों नहीं पा रहा है। इस पर डेरेन ने कहा कि पुलिस वालों ने उसे 100 उठक-बैठक लगवाने के लिए बोला था. लेकिन इसके बावजूद उन्हें लगभग 300 उठक-बैठक लगानी पड़ी थीं, जिससे उसके हालात खराब हो गए। उनसे पूछा गया कि आखिर डेरेन को 100 के बजाए 300 उठक-बैठक क्यों लगानी पड़ीं?
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इस पर पार्टनर ने कहा कि पुलिस स्टेशन में सजा पाए लोग उठक-बैठक के दौरान एक लय में नहीं थे जिसके चलते पुलिसवाले उनकी सजा बढ़ाते जा रहे थे। महिला ने लोकल मीडिया को एक वीडियो भी दिखाया है जिसमें डेरेन को लंगड़ाते हुए देखा जा सकता है। उसने बताया कि डेरेन को अपने बाथरूम में जाने के लिए रेंगना पड़ा था। डेरेन के कजिन एड्रियान ने इस मामले में जांच की मांग की है।