केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए दो विशाल रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं तीर्थयात्रियों की यात्रा को अधिक सुविधाजनक और आसान बनाएंगी, साथ ही क्षेत्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा देंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, और इनके लिए कुल 6,811 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
केदारनाथ के लिए 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने की योजना है, जो सोनप्रयाग से केदारनाथ तक जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 4,081 करोड़ रुपये है, और इसे राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत लागू किया जाएगा। इस रोपवे के निर्माण से तीर्थयात्रियों को केवल 60 मिनट में सोनप्रयाग से केदारनाथ पहुंचने का अवसर मिलेगा, जबकि वर्तमान में इस यात्रा में 6 से 7 घंटे का समय लगता है। इस रोपवे की क्षमता हर घंटे 3,600 यात्रियों को आने-जाने की होगी, जो यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
इसके अलावा, हेमकुंड साहिब के लिए भी 12.4 किलोमीटर लंबा रोपवे मंजूर किया गया है, जिसकी लागत 2,730 करोड़ रुपये होगी। यह रोपवे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक जाएगा और यात्रा के समय को 45 मिनट तक घटा देगा, जबकि वर्तमान में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक पैदल यात्रा में लगभग 12 घंटे का समय लगता है। यह परियोजना फूलों की घाटी (वैली ऑफ फ्लावर्स) के पर्यटकों के लिए भी फायदेमंद होगी, क्योंकि घांघरिया यहां का प्रवेश द्वार है।
इन दोनों परियोजनाओं के माध्यम से उत्तराखंड में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा प्रक्रिया अधिक सहज और सुरक्षित होगी। यह रोपवे परियोजनाएं न केवल तीर्थयात्रियों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के पर्यटन उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।







