मुंबई। पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के सौ करोड़ की वसूली के आरोपों से घिरे महराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को ही बांबे हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इस आदेश के तीन घंटे के भीतर ही देशमुख ने पार्टी सुप्रीमो शरद पवार से बात की और फिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा दे दिया। अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री को लिखी इस्तीफे की चिट्ठी ट्वीट भी की है।
इससे पहले सोमवार सुबह ही बांबे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी के खंडपीठ ने डॉ. जयश्री पाटील की याचिका पर देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देते हुए कहा था कि अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृहमंत्री हैं और उन पर पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने जो आरोप लगाएं हैं, उनकी जांच पुलिस निष्पक्ष होकर नहीं कर सकती। ऐसे में सीबीआई जांच जरूरी हो जाती है। देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देशमुख के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी आदेश के कुछ देर बाद ही देशमुख ने इस्तीफा दे दिया।
इस इस्तीफे पर सफाई देते हुए और देशमुख का बचाव करते हुए महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री नवाब मलिक ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अनिल देखमुख ने मुख्यमंत्री ने मिलकर अपना इस्तीफा दिया है। उन्होंने इससे पहले शरद पवार से मिलकर इच्छा जताई थी कि जब तक मामले में जांच चल रही है वो मंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहते। देशमुख पर लगाए गए सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद है।