न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। केदारनाथ मंदिर परिसर में अब एक निश्चित दूरी के बाद जूते-चप्पल पहनने पर रोक लगा दी गई है (Ban on wearing shoes and slippers in Kedarnath Dham)। मंदिर परिसर में परिक्रमा का सीमांकन के साथ प्रवेश द्वार के निर्माण को लेकर भूमि पूजन संपन्न हो गया है। प्रवेश द्वार के निर्माण के बाद उस पर घंटा भी लगाया जाएगा। वहीं बाउंड्री वाल के निर्माण के पश्चात यात्री एक निश्चित दूरी तक ही जूते-चप्पल पहन कर जा सकेंगे।
आपदा से पहले केदारनाथ मंदिर के गेट पर बड़ा सा घंटा लगा था, लेकिन आपदा के बाद यह निर्माण कार्य नहीं किया गया। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों की ओर से बार-बार गेट निर्माण के साथ ही घंटा लगाने की मांग की जा रही थी। बीते दिन केदारनाथ धाम में प्रवेश द्वार के निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया गया। इसके अलावा मंदिर परिसर में बाउंड्री वाल का भी निर्माण किया जाएगा। मंदिर की परिक्रमा पर बाउंड्री वाल के निर्माण के पश्चात यात्री एक निश्चित दूरी तक ही जूते-चप्पल पहन कर जा सकेंगे (Ban on wearing shoes and slippers in Kedarnath Dham)। बिना बाउंड्री वाल के यात्री मौसम खराब रहने पर जूते-चप्पल पहनकर मंदिर के समीप पहुंच जाते हैं।
मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि विगत दिनों बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को पत्र लिखकर और दूरभाष पर बात कर मंदिर के चारों ओर पौराणिक शैली में बाउंड्री वाल बनाने को कहा था। इसके अलावा उन्होंने केदारनाथ मास्टर प्लान के मुख्य वास्तुविद धर्मेश गंगानी के साथ स्थलीय निरीक्षण कर इस संबंध में अपने सुझाव दिए थे। इसके अलावा तीर्थ पुरोहितों द्वारा मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार पर पहले की भांति घंटा स्थापित करने का सुझाव दिया गया था। इसी क्रम में शासन ने बाउंड्री वाल के साथ प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की, जिसका बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, जिला प्रशासन व केदार सभा ने भूमि पूजन किया।
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