भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा की तीन सीट और लोकसभा की एक सीट पर हो रहे उपचुनाव से पहले ही कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सचिन बिरला ने कांग्रेस को बाय-बाय कहते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। बिरला बड़वाह विधानसभा सीट से विधायक हैं। जिस बड़वाह विधानसभा सीट से बिरला विधायक हैं वह सीट खंडवा लोकसभा सीट का हिस्सा है। कांग्रेस ने इसे भाजपा पर धनबल और सत्ताबल का प्रयोग करार दिया है।
मध्य प्रदेश में भाजपा के सांसद नंदकुमार चौहान के निधन से रिक्त हुई खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। कांग्रेस को यह दूसरा बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस विधायक कलावति भूरिया के निधन से रिक्त जोबट विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस की पूर्व विधायक सुलोचना रावत को प्रत्याशी बना कर बड़ा दांव खेला था। सुलोचना अपने पुत्र विशाल के साथ भाजपा में शामिल हुई थीं।
अब विधायक सचिन ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस से टिकट कटने पर 2013 में सचिन ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि, कांग्रेस के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी। गिले-शिकवे भुलाकर कांग्रेस ने उन्हें 2018 के चुनाव में उम्मीदवार बनाया और वह 30 हजार 508 मतों के बड़े अंतर से विजयी हुए थे।
इधर, राज्य के पूर्व सीएम व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि भाजपा सत्ता का दुरुपयोग करने में जुटी है। धनबल और प्रशासनिक ताकत के बल पर कांग्रेस के विधायकों को टूटने के लिए विवश किया जा रहा है। इस सौदेबाजी की राजनीति का जनता जवाब देगी। चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है।
कमलनाथ ने कहा कि विधायक तोड़ लेने से कोई लोकप्रियता हासिल नहीं कर लेता। जनता ने कां्रग्रेस में विश्वास जताया था, लेकिन विधायक तोड़कर सरकार बनाई गई। जनता सब समझती है। इसका जवाब उपचुनाव में ही मिल जाएगा।
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