न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों की अटल आयुष्मान योजना से बाहर कैशलेस इलाज की व्यवस्था करने की मांग को सरकार ने पूरी कर दी है।
सरकार के इस आदेश से तीन लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को उत्तराखंड और देश के बड़े अस्पतालों में आसानी से कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के इलाज को अटल आयुष्मान योजना से अलग कर दिया है। अब उन्हें राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एसजीएचएस) के माध्यम से कैशलेस इलाज मिलेगा, लेकिन गोल्डन कार्ड और इलाज की सुविधा लेने के लिए आईटी सिस्टम पूर्व की तरह रहेगा।
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों का कैशलेस सुविधा को अटल आयुष्मान योजना से अलग कर दिया गया है। कर्मचारियों व पेंशनरों को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एसजीएचएस) के तहत इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दरों पर कैशलेस इलाज किया जाएगा। योजना का संचालन राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा, लेकिन गोल्डन कार्ड और आईटी सिस्टम की व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी।
योजना में कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए असीमित व्यय पर कैशलेस इलाज की सुविधा है। अब सरकार की ओर से सीजीएचएस दरें लागू करने से बड़े अस्पतालों का पंजीकरण किया जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से सूचीबद्ध 2700 से अधिक अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा रहेगी।
वहीं, नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के अधीन आने वाले कर्मचारियों का न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने पर वार्षिक अंशदान देने पर योजना का कार्ड बनाया जाएगा। उनके लिए 10 साल का अंशदान एक साथ जमा करने पर योजना का लाभ लेने की सुविधा है। जबकि निगमों, बोर्डों, प्राधिकरणों के कर्मचारियों के लिए योजना लागू नहीं होने से उन्हें चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति से भुगतान किया जाएगा।
इमरजेंसी में नहीं होगी रेफर करने की शर्त
प्रदेश के बाहर गैर सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज कराने के लिए कर्मचारियों व पेंशनरों को सूचीबद्ध अस्पतालों से रेफर करने की व्यवस्था रहेगी, लेकिन इमरजेंसी में इलाज के लिए रेफर की शर्त नहीं रहेगी।
ओपीडी उपचार पर चिकित्सा बिलों की होगी प्रतिपूर्ति
राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एसजीएचएस) में सूचीबद्ध अस्पतालों और गैर सूचीबद्ध अस्पतालों में ओपीडी उपचार कराने पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति सीजीएचएस दरों से की जाएगी। जिसमें परामर्श शुल्क, डायग्नोटिक्स, रेडियोलॉजी जांच और दवाईयों पर होने वाले व्यय का भुगतान कर्मचारी व पेंशनर स्वयं करेंगे। जिसका भुगतान चिकित्सा प्रतिपूर्ति के रूप में किया जाएगा।
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