नए साल में होने जा रहे कुछ बड़े बदलाव, परेशानियों से बचने को झटपट निपटाएं ये काम

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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। नया साल यानी 2022 शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में लोग इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। इन बचे हुए दिनों में 31 दिसंबर तक जरूरी है कि आप कुछ आवश्यक काम निपटा लें, नहीं तो नई साल में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि देश में एक जनवरी से कुछ बड़े बदलाव (Changes from new year) होने जा रहे हैं। ऐसे बदलाव जो आपके लिए बेहद जरूरी हैं। अगर इन्हें समय पर पूरा नहीं किया गया तो आप को बाद में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

हम यहां आपको एक जनवरी से होने वाले 5 बड़े बदलावों (Changes from new year) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके सीधे प्रभावित करते हैं

1. 31 दिसंबर से पहले जमा कराना होगा इनकम टैक्स रिटर्न

वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2021 तक आयकर रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। नए इनकम टैक्स पोर्टल पर हो रही दिक्कत और कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने समय सीमा बढ़ाई है। इनकम टैक्स भरने वाले लोग 31 दिसंबर तक अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं किया तो उन्हें पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।

2. आधार नंबर से लिंक करना होगा UAN

31 दिसंबर से पहले ( कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ) EPFO के सदस्यों को यूएएन (UAN) नंबर को आधार नंबर से लिंक कराना जरूरी है। अगर EPFO सदस्यों ने ऐसा नहीं किया तो उनका PF अकाउंट बंद हो सकता है।

3. डीमैट ट्रेडिंग खातों की करानी होगी KYC

बाजार नियामक सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने डीमैट ट्रेडिंग खातों की KYC कराने की समयसीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दी थी। KYC के तहत डीमैट ट्रेडिंग खाने में नाम, एड्रेस, पैन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, उम्र, ईमेल आईडी जैसी कई जानकारियां अपडेट करनी होती हैं। अगर ऐसा नहीं किया (Changes from new year) तो आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

4. बैंक ऑफ बड़ौदा में ले सकते हैं सस्ती ब्याज दर पर लोन

अगर आप बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के कस्टमर हैं तो सस्ते होम लोन का लाभ 31 दिसंबर तक ले सकते हैं। BOB ने त्योहारी सीजन में 31 दिसंबर तक होम लोन की दर 6.50 प्रतिशत कर दी है। नए साल से यानी एक जनवरी से यह छूट (Changes from new year) समाप्त हो जाएगी।

5.ऑनलाइन मर्चेंट को 40% तक राजस्व गंवाना पड़ सकता है

उद्योग मंडल फिक्की के अनुसार, कस्टमरों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी जमा करने के बजाए टोकन नंबर जारी करने की नई व्यवस्था लागू होने से ऑनलाइन मर्चेंट को 20 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक राजस्व गंवाना पड़ सकता है।

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