हल्द्वानी। विधानसभा कालाढूंगी के कोटाबाग क्षेत्र में आयोजित घोड़ा लाइब्रेरी ‘पहाड़ पंछ्याण’ महोत्सव 2025 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा कालाढूंगी और जनपद नैनीताल के लिए कई महत्वपूर्ण विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए क्षेत्र को बड़ी सौगात दी।
मुख्यमंत्री ने घोड़ा लाइब्रेरी ‘पहाड़ पंछ्याण’ महोत्सव 2025 के आयोजन के लिए 91 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही राज्य योजना के अंतर्गत पशु चिकित्सालय नैनीताल भवन के निर्माण को भी मंजूरी दी गई।
विधानसभा कालाढूंगी में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने कई सड़क और पुल परियोजनाओं की घोषणा की। राजकीय प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर से राजकीय इंटर कॉलेज लामाचौड़ होते हुए कालाढूंगी मुख्य मार्ग तक डीबीएम बी द्वारा सड़क चौड़ीकरण कार्य को मुख्यमंत्री घोषणा के तहत 380.88 लाख रुपये की लागत से स्वीकृति दी गई। वहीं विकासखंड कोटाबाग के ग्राम वालाकोट (भाटलानी) स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य का 104.56 लाख रुपये की लागत से लोकार्पण किया गया।
इसके अलावा निगम नल वाला मार्ग के पुनर्निर्माण और शुभम के घर से सुरेश भट्ट के घर तक मार्ग के नव निर्माण हेतु 183.47 लाख रुपये के कार्यों का शिलान्यास किया गया। राज्य योजना के अंतर्गत कोटाबाग–रामनगर–कालाढूंगी–हल्द्वानी–काठगोदाम मार्ग पर निहाल नदी में 24 मीटर स्पान के आरसीसी सेतु निर्माण के लिए 319.20 लाख रुपये का शिलान्यास किया गया। साथ ही हल्द्वानी ब्लॉक में आईटीआई क्रॉसिंग से रामपुर रोड एवं डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के पास नहर कवरिंग के बाद मार्ग चौड़ीकरण कार्य के लिए 2374 लाख रुपये का शिलान्यास हुआ।
अन्य विकास योजनाओं में विधानसभा कॉलोनी के रमणीक राम सिंह मुख्य मार्ग का निर्माण (13 लाख रुपये), ग्राम फूलचौड़ में मैन तुलसी विहार मार्ग (31.41 लाख रुपये), काठगोदाम 33/11 केवी उपकेंद्र एवं संबंधित विद्युत लाइनों का निर्माण, हल्द्वानी जयपुर पेंडल और आईटीआई डहरिया में 33/11 केवी विद्युत परियोजनाएं तथा राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में चारदीवारी, बार्बेड वायर फेंसिंग और मैदान समेकन कार्य (95.90 लाख रुपये) शामिल हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, संस्कृति और आधारभूत ढांचे को समान रूप से मजबूत करना है। उन्होंने संकल्प फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि घोड़ा लाइब्रेरी जैसे आयोजन पहाड़ की लोकसंस्कृति और ज्ञान परंपरा को नई पहचान दिला रहे हैं।



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