उत्तराखंड में एक हैरान कर देने वाले मामले में पंजाब की एक छात्रा से छेड़छाड़ करने वाले स्विमिंग टीचर को फास्ट ट्रैक कोर्ट (POCSO) की अपर जिला एवं सेशन जज रजनी शुक्ला ने दोषी ठहराते हुए 5 साल का कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। अदालत ने पीड़ित छात्रा को एक लाख रुपये प्रतिकर दिलाने का भी आदेश दिया।
मामला दिसंबर 2018 का है, जब छात्रा ने अपनी मां के माध्यम से एसएसपी को शिकायत दर्ज कराई कि उसका स्विमिंग कोच उसे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई के दौरान लगातार परेशान कर रहा था। आरोपी ने छात्रा के साथ छेड़छाड़ की, उसका हाथ पकड़कर अनुचित बातें कीं और उसे टाइट टी-शर्ट पहनने तथा फिल्म देखने के लिए दबाव डाला। इन हरकतों के कारण छात्रा मानसिक रूप से परेशान हो गई और उसकी पढ़ाई पर असर पड़ा।
शिकायत के आधार पर थाना राजपुर में 13 दिसंबर 2018 को मामला दर्ज किया गया और 15 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अदालत में छात्रा ने बताया कि आरोपी उसे गेम्स और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए दबाव डालता था और उसके कपड़ों तथा व्यक्तिगत सीमाओं के बारे में अनुचित टिप्पणियां करता था।
अभियोजन पक्ष ने आठ गवाहों को पेश किया। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। इसके अलावा, स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा बार-बार बदलते बयान के कारण उनके खिलाफ अलग से केस चलाने के लिए समन जारी किया गया है।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने कहा कि इस फैसले से न केवल पीड़ित छात्रा को न्याय मिला है, बल्कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए भी सख्त संदेश गया है।



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