उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कड़ी फटकार के बाद नैनीताल पुलिस अब पूरी तरह हरकत में आ गई है। मांस विवाद मामले में घिरे भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन जोशी, राजू रावत और जतिन के खिलाफ पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
एसएसपी नैनीताल ने तीनों आरोपियों को नोटिस जारी कर 10 दिसंबर को एसीजेएम (ACJM) कोर्ट, रामनगर में पेश होने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने यह नोटिस आरोपियों के घरों पर चस्पा करने के साथ इलाके में मुनादी (सार्वजनिक घोषणा) भी कराई, ताकि उन्हें अदालत में पेश होने के लिए बाध्य किया जा सके।
यह कार्रवाई तब की गई जब हाल ही में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एसएसपी नैनीताल और रामनगर कोतवाल को तलब करते हुए पूछा था कि अब तक आरोपियों पर क्या कदम उठाए गए हैं। अदालत ने चेतावनी दी थी कि यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो कोर्ट को कठोर रुख अपनाना पड़ेगा।
जानकारों का कहना है कि पुलिस की यह सख्ती आरोपियों पर आत्मसमर्पण का दबाव बनाने की रणनीति है। छोई और बैलपड़ाव गांव में 23 अक्टूबर को हुए मांस विवाद में ग्रामीणों ने गोमांस की तस्करी के शक में एक वाहन को रोका था, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी और चालक की पिटाई कर दी गई। घटना के बाद से ही मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।
हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में अगली सुनवाई 17 नवंबर को तय की है। इस दौरान एसएसपी नैनीताल और रामनगर कोतवाल को अदालत में अपनी कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।
कुल मिलाकर, अदालत के सख्त रुख और जवाबदेही की घड़ी ने पुलिस को सक्रिय करते हुए आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसने पर मजबूर कर दिया है।



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