खाद्य गोदाम में फिर मिली खामियांः एसएमओ, एआरओ पर गाज गिरनी तय

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उत्तराखंड मुख्यमंत्री के संकल्प और राज्य सरकार की छवि को बनाए रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन देहरादून ने लगातार एक्शन लेना जारी रखा है। जिला प्रशासन की सजगता और कड़ी निगरानी का परिणाम यह है कि कोताही, लापरवाही और निष्ठाहीनता पर सख्त कार्यवाही की जा रही है।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज भी खाद्य गोदाम गुलरघाटी का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने गोदाम में रखे अनाज की सैंपलिंग की। डीएम के पहले दिन के निरीक्षण में गोदाम में रजिस्टर की अनुपस्थिति और रखरखाव व्यवस्था में कई खामियां सामने आई थीं।

जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने गुलरघाटी के गोदाम में सभी लॉट से चावल के बोरों के नमूने लेकर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा की जांच की। जांच में अधिकांश लॉट के खाद्य पदार्थ (चावल) मानकों पर खरे नहीं उतरे, जिनके नष्ट करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

अपर जिलाधिकारी ने गोदाम में खाद्यान्न के स्टोर और विपणन के लिए फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट (FIFO) आधार पर समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए, ताकि गुणवत्ता वाले खाद्यान्न का विपणन सुनिश्चित किया जा सके।

खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग के दौरान संभागीय खाद्य निरीक्षक बंशी लाल राणा, डिप्टी आरएमओ अन्नू जैकरे, तहसीलदार सतेन्द्र देव, जिला पूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल, नायब तहसीलदार, और राजस्व उपनिरीक्षक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

जिलाधिकारी के निरीक्षण में यह भी पाया गया कि गोदाम में अनाज रखने की व्यवस्था मानकों के अनुसार नहीं थी और चूहों से सुरक्षा के लिए चूहेदानी की व्यवस्था भी नहीं थी। इस पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई और तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, अनाज की बोरियों में उल्लिखित वजन से कम वजन पाया गया।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत, खराब अनाज को जनमानस तक पहुंचने से रोकने के लिए गोदाम में रखे प्रत्येक लॉट की सैंपलिंग की जा रही है। डीएम ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी संकल्प लिया है। आज भी 12 लॉट के सैंपल फेल पाए गए हैं, जिन पर जल्द ही कड़ी कार्यवाही की जाएगी।