न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक और विधानसभा में नियुक्तियों के मामले में विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच की मांग उठा चुकी है। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाया है। उन्होंने भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग को सही ठहराया है।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत कहा है कि संवैधानिक पदों पर बैठे ही जनप्रतिनिधि अगर संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ेंगे तो कानून की रक्षा कौन करेगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या जनता जनप्रतिनिधियों को इसलिए चुनती है कि आप अपने रिश्तेदारों का भला करें। उन्होंने कहा कि यह भर्ती कर्मचारी सेवा नियमावली के भी खिलाफ हैं।
हरिद्वार के राज्य अतिथि गृह डाम कोठी पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से विभिन्न भर्ती घोटालों पर विस्तार से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने उमा देवी वर्सेस कर्नाटक सरकार के मामले में स्पष्ट किया था कि बैक डोर भर्तियां कौन सी होंगी और कौन सी प्रक्रिया पारदर्शी मानी जाएगी। यह भर्ती उसके भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने का पैसा जहां भी जा रहा है, उसमें पूर्ण पारदर्शिता होनी चाहिए।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनके कार्यकाल में कोई भी भर्तियां विधानसभा में नहीं हुई हैं। हां यह जरूर था कि भर्ती के लिए फाइल चली थी और मैंने यह कहा था कि आयोग के माध्यम से भर्ती होनी चाहिए, ताकि पारदर्शी तरीके से भर्तियां हो सकें। उन्होंने कहा कि भाजपा भाई भतीजावाद के खिलाफ है।