देहरादून : केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण व महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए 894 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य को आवंटित अब तक का सबसे ज्यादा बजट है। मिशन निदेशक सोनिका ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-21 में राज्य को केंद्र सरकार ने 652.49 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 561.63 करोड़ स्वीकृत किए थे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष एएनएम की चार सौ और स्टाफ नर्सों की 158 नई नियुक्तियां किए जाने के लिए भी केंद्र सरकार से धनराशि स्वीकृत हुई है।
मिशन निदेशक ने बताया कि स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान उन्हेंं उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने रेफरल ट्रांसपोर्ट की सुविधा को भी स्वीकृति दी है। अब 18 वर्ष के बच्चों को उपचार के लिए चिकित्सालयों को रेफर करने के दौरान ट्रांसपोर्ट की सुविधा स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध कराएगा। वहीं प्रसव उपरांत जच्चा-बच्चा को घर तक छोडऩे के लिए खुशियों की सवारी के भी 105 एंबुलेंस वाहन संचालित किए जाएंगे। यह सेवा पिछले तीन साल से बंद थी। कोविड महामारी के दौरान शुरू की गई निश्शुल्क 104 हेल्पलाइन सेवा के विस्तारीकरण के लिए भी बजट स्वीकृत हुआ है। इसके अंतर्गत अब अधिक संख्या में कॉल सेंटर संचालित किए जा सकेंगे। गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए 54 डिलीवरी प्वाइंट व 29 फस्ट रेफरल यूनिट के सुदृढ़ीकरण के लिए भी धनराशि स्वीकृत हुई है। इसके अलावा हरिद्वार, उत्तरकाशी, पौड़ी, ऊधमङ्क्षसहनगर व टिहरी में पांच फस्ट रेफरल यूनिट खोलने की भी स्वीकृति मिली है। उन्होंने बताया कि समुदाय स्तर पर होने वाली मातृ मृत्यु की सूचना देने वाले प्रथम व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक हजार रुपये की योजना भी इस वर्ष शुरू होगी। राज्य में संचालित पांच नई रक्त भंडारण इकाईयों के साथ ही 108 बेड़े में शामिल 132 नई एंबुलेंस के रखरखाव को भी बजट मिला है।