नैनीताल। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भयावह होती जा रही है। इससे वन संपदा तो राख हो ही रही है, यहां से उठ रहे धुएं ने लोगों को बीमार बनाना भी शुरू कर दिया है। इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने खुद ही पूरे मामले का संज्ञान ले लिया है। मंगलवार को उसने इस मामले में सुनवाई की और सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को बुधवार को सुबह सवा दस बजे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब भी किया है और कहा है कि कोविड काल मे लोग परेशान हैं, ऊपर से दावानल की घटनाओं ने पब्लिक को मुश्किल में डाल दिया है। साथ ही पर्यावरण पर भी संकट आ गया है। 2016 में भी इसी तरह जंगल राख बन रहे थे, तब भी कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए आधुनिक उपकरण क्रय करने समेत दावानल नियंत्रण को जरूरी कदम उठाने के आदेश पारित किए थे, मगर इस आदेश का अब तक पालन नहीं किया गया। काेर्ट ने इस पर सरकार को फटकारते हुए पूछा है कि उसके पुराने आदेश का अब तक पालन क्यों नहीं किया गया।


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