बरेली। वित्त मंत्री की घोषणाओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एक नये युग का सूत्रपात किया है । ऐसा बरेली के कारोबारियों और सीए का मानना है। सीए राजेन विद्यार्थी कहते हैं कि आज़ादी के बाद से जो महत्वपूर्ण क्षेत्र सरकारी नियन्त्रण में चल रहे थे या जिन पर सरकार का आधिपत्य था जैसे कोयला, खनिज, रक्षा, नागरिक उड्डयन, विद्युत वितरण, अंतरिक्ष तथा परमाणु चिकित्सा, इन क्षेत्रों में अब निजी निवेशक भी भाग ले सकते हैं ।
यह कदम निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि इन क्षेत्रों में विकास दर बहुत धीमी चल रही थी अब यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को पाँच ट्रिलियन डालर तक ले जायेंगे । रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने से हम इस क्षेत्र में बाज़ी पलटते हुए आयात से निर्यात की तरफ़ अग्रसर होंगे । आज की घोषणाएँ निश्चित रूप से क्रांतिकारी हैं।
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