हरिद्वार। कोविड टेस्ट फर्जीवाड़े में बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। कुंभ मेले में फर्जी कोविड जांच मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी अब मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है। एसआईटी कुंभ मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को नामजद करने जा रही है। उसने पहले से दर्ज मुकदमे में गैर जमानती धारा 467 भी बढ़ाई है। ऐसे में अब इस मामले में बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
एसआईटी की जांच में सामने आया है कि कुछ फर्जी दस्तावेज बनाए गए हैं। ऐसे में अब मेले प्रशासन से जुड़े अधिकारियों पर भी मुकदमे दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। दूसरी ओर, हरिद्वार जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई जांच कमेटी के जांच अधिकारी सौरभ गहरवार ने रिपोर्ट जमा करने के लिए एक हफ्ते का ओर समय मांगा है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि कुंभ में हुई कोरोना जांच की संख्या काफी अधिक है, जिसकी पड़ताल में समय लग रहा है।
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एसआईटी के जांच अधिकारी राजेश शाह ने बताया कि हरिद्वार कुंभ कोरोना फर्जीवाड़े मामले की लगातार जांच चल रही है। गुरुवार को पहले से दर्ज मुकदमे गैर जमानती धारा 467 भी जोड़ी गई है। इस धारा में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का भी प्रावधान है। इसके अलावा एसआईटी नामजद मैक्स कॉरपोरेट सर्विस दिल्ली, नलवा लैब हिसार और डॉक्टर लाल चंदानी लैब दिल्ली से लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में कई नए तथ्य निकलकर सामने आए है।
जांच अधिकारी बताया कि कुछ सवालों के आरोपी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए है। आरोपित फर्म और लैब के प्रतिनिधियों को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की गई है, जिसके बाद उनके बयान भी दर्ज किए गए। आरोपियों से पूछताछ के बाद एसआईटी ने कई कड़ियों को जोड़ा है, जिससे कुछ हद तक मामले से पर्दा उठा है।
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