हल्द्वानी। आज पहली तारीख है और आज से वित्तीय व बैंकिंग से जुड़े कई नियम बदल गए हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। नए नियम राहत तो दे रहे हैं, मगर आपने इस पर गौर नहीं किया तो आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। नए नियमों के लागू होते ही आपके वित्तीय और बैंकिंग से जुड़े काम के तरीके भी बदल गए हैं। इसलिए इनके बारे में जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है । आइए आपको यहां हम बताते हैं कि कौन-कौन से नियम बदले हैं और इनका आप पर क्या असर पड़ेगा।
- तीन बैंकों के पुराने चेकबुक बंद : आज से तीन बैंकों ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक के पुराने चेकबुक, मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन (MICR) और इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड (IFSC) अमान्य हो गए हैं। इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हो चुका है। यह 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में हुआ है। इन तीनों पूर्ववर्ती बैंकों के ग्राहकों को 30 सितंबर तक नए चेकबुक लेने को कहा गया था।
- डीमैट खाता : डीमैट वे ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए निवेशक को अब नॉमिनेशन की जानकारी भी देनी होगी।
- ऑटो डेबिट के लिए ग्राहकों की मंजूरी जरूरी : आज यानी 1 अक्टूबर 2021 से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाले ऑटो डेबिट के लिए भी नया नियम लागू हो गया है। आरबीआई के आदेश के मुताबिक, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं को डेबिट और क्रेडिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट पर 5,000 से रुपये से ज्यादा के ऑटो डेबिट के लिए ग्राहकों से एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन की मांग करनी होगी। इसके तहत, डेबिट या क्रेडिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट से होने वाले ऑटो डेबिट तब तक नहीं होंगे, जब तक ग्राहक अपनी मंजूरी न दे। मंजूरी के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थाओं को 24 घंटे पहले ग्राहकों के पास ऑटो डेबिट का मैसेज भेजना होगा। ऑटो डेबिट अगर सीधा बैंक खाते से होता है तो नए नियम का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- बदले गैस सिलिंडर के भी दाम : तेल कंपनियां हर महीने एलपीजी सिलिंडर के दामों की समीक्षा करती हैं। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। देश की ऑइल मार्केटिंग कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलिंडर के दाम में 43.5 रुपये का इजाफा कर दिया है। वहीं 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
- पेंशन के लिए जमा करने होंगे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र : 1 अक्टूबर से 80 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के पेंशनभोगियों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए 30 नवंबर, 2021 तक का समय दिया गया है। प्रमाण पत्र देश के संबंधित डाकघरों के जीवन प्रमाण केंद्रों में जमा करना होगा। जीवन प्रमाण पत्र पेंशनभोगी के जिंदा होने का सबूत होता है। पेंशन जारी रखने के लिए इसे हर साल उस बैंक या वित्तीय संस्थान में जमा करना होता है, जहां पेंशन आती है।
- डाकघर के एटीएम के नियम भी बदले : पोस्टल ऑफिस ने एटीएम कार्ड पर कई तरह के शुल्क लगाए हैं, जो आज से लागू होंगे। एक महीने में एटीएम पर कितने वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन किए जा सकते हैं, इसमें भी बदलाव किया गया है। 1 अक्टूबर से एटीएम या डेबिट कार्ड का सालाना मेंटेनेंस चार्ज 125 रुपये होगा। इस पर जीएसटी भी लगेगा। यह शुल्क 30 सितंबर, 2022 तक लागू रहेगा। साथ ही इंडिया पोस्ट अब अपने डेबिट कार्ड ग्राहकों को भेजे गए एसएमएस अलर्ट के लिए भी शुल्क वसूलेगा। एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए सालाना जीएसटी सहित 12 रुपये चार्ज लिया जाएगा। एटीएम कार्ड खो जाने पर दूसरा डेबिट कार्ड प्राप्त करने के लिए 300 रुपये के साथ जीएसटी का भुगतान करना होगा। इसी तरह एटीएम पिन गुम हो जाता है, तो डुप्लीकेट पिन प्राप्त करने पर 50 रुपये और जीएसटी शुल्क लिया जाएगा। यदि बचत खाते में राशि की कमी के कारण एटीएम या पीओएस ट्रांजेक्शन में गिरावट आती है, तो ग्राहक को 20 रुपये और जीएसटी का भुगतान करना होगा। इतना ही नहीं, डाक विभाग ने एटीएम पर किए जा सकने वाले मुफ्त वित्तीय लेनदेन की संख्या को भी सीमित कर दिया है। इंडिया पोस्ट पांच मुफ्त लेनदेन के बाद प्रति लेनदेन 10 रुपये और जीएसटी वसूलेगा। वहीं अन्य एटीएम पर मेट्रो शहरों में तीन मुफ्त या गैर-मेट्रो शहरों में पांच मुफ्त लेनदेन के बाद 20 रुपये के साथ जीएसटी शुल्क लगेगा।
- फूड बिजनेस ऑपरेटर्स के लिए नया नियम : भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने फूड बिजनेस ऑपरेटर्स के लिए अगले महीने से नकद रसीदों या खरीद चालान पर एफएसएसएआई लाइसेंस नंबर या पंजीकरण संख्या का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है। खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI के आदेश के अनुसार, ‘लाइसेंसिंग और पंजीकरण अधिकारियों को नीति का व्यापक प्रचार करने और 2 अक्टूबर, 2021 से इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।’ अगर FSSAI नंबर का उल्लेख नहीं किया गया, तो यह खाद्य व्यवसाय द्वारा गैर-अनुपालन या लाइसेंस नहीं होने का संकेत देगा।
- वेतन का 10 फीसदी निवेश जरूरी : एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में काम करने वाले जूनियर कर्मचारियों को म्यूचुअल फंड की इकाई में अपने ग्रॉस वेतन का 10 फीसदी हिस्सा निवेश करना होगा। भारतीय विनिमय एवं प्रतिभूति बोर्ड (सेबी) का इस संबंध में नया नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू हो रहा है। अक्टूबर 2023 से निवेश की मात्रा को 10 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया जाएगा।
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