देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के फर्जी पत्र पर शस्त्र लाइसेंस लेने की कोशिश करने का आरोपी 26 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वह हरियाणा के परवल में छिपा हुआ था। पुलिस ने आरोपित पर पांच हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था।
पुलिस के अनुसार वर्ष 1994 में डॉ. सुधीर उर्फ शांति स्वरूप तिवारी निवासी पंडितवाड़ी ने जिलाधिकारी कार्यालय में शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। आवेदन में उसने दस्तावेजों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के निजी सहायक का हस्ताक्षरित संस्तुति पत्र भी संलग्न किया था। पुलिस की जांच में उक्त पत्र फर्जी पाया गया। इस मामले में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर सीबीसीआइडी लखनऊ को विवेचना दी गई थी, तभी से सुधीर फरार चल रहा था। हालांकि, न्यायालय ने उसे वर्ष 1997 में फरार घोषित किया था। इसके बाद वर्ष 2006 में उस पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया। शुक्रवार को पुलिस को जानकारी मिली कि सुधीर हरियाणा में रह रहा है। तत्काल पुलिस की एक टीम हरियाणा भेजी गई। उसी दिन उसे परवल के बहरोला में स्थित अब्रेल चैरिटेबल अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि सुधीर ने पुलिस को बताया कि वह पंडितवाड़ी में क्लीनिक चलाता था, लेकिन मुकदमा दर्ज होने पर गिरफ्तारी के डर से मेरठ चला गया। वहां सुधीर लगभग चार वर्ष तक छिपकर रहा और इसके बाद हरियाणा चला गया। अब्रेल चैरिटेबल अस्पताल में वह बतौर पीआरओ कार्य कर रहा था।