तीन साल से स्कूल नहीं पहुंचा शिक्षक, चुनाव ड्यूटी से भी रहा गायब, अब हुई कार्रवाई

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उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। स्कूल में बच्चे तो पढ़ने जाते हैं, लेकिन मास्साब गायब रहते हैं। ऐसा ही मामला चम्पावत में सामने आया है। जिसमें तीन साल से कार्यक्षेत्र के साथ ही निर्वाचन ड्यूटी से गायब पाया गया है। सहायक नोडल कार्मिक ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा चुनाव प्रशिक्षण से गायब चल रहे एक अन्य शिक्षक पर निलंबन की गाज गिरनी तय है। वहीं कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करने वाले एक लिपिक की भी चार्जशीट तैयार है।
चम्पावत के सीईओ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रशिक्षण में अनुपस्थित, पत्रों का जवाब नहीं देने और मेडिकल बोर्ड में उपस्थित नहीं होने के आरोप में बाराकोट ब्लॉक के शिक्षक खीमेंद्र रौतेला को निलंबित कर दिया है। चिकित्सा अवकाश प्रार्थनापत्र देकर प्रशिक्षण से गायब रहने, मेडिकल बोर्ड में उपस्थित नहीं होने के मामले में लोहाघाट ब्लॉक के शिक्षक शैलेंद्र वर्मा के निलंबन की कार्रवाई अंतिम चरण पर है।
बिष्ट ने बताया कि इसके अलावा मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में स्वस्थ मिले लिपिक नागेंद्र जोशी पर मीडिया में गलत बयानबाजी के लिए विभागीय कार्रवाई की जा रही है। बताया कि लिपिक की चार्जशीट तैयार की गई है। सीईओ ने बताया कर्मचारी आचरण नियमावली उल्लंघन के लिए लिपिक का स्पष्टीकरण मांगा गया है। कहा कि आदर्श आचार संहिता में चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों पर शिक्षा विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा।