शिक्षकों ने लिया निर्णय- पुरानी पेंशन की बात करने वालों का होगा समर्थन

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रामनगर। लोकसभा चुनाव अभियान शुरू होते ही राजकीय शिक्षक भी अपने मुद्दों पर मुखर होने लगे हैं। राजकीय शिक्षक संघ की जनपदीय कार्यकारिणी ने राजकीय इंटर कॉलेज में बैठक कर पुरानी पेंशन और मूल्यांकन बहिष्कार को लेकर चर्चा की।

बैठक में उपस्थित सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा जो पुरानी पेंशन की बात करेगा, हम उसकी बात करेंगे। तय किया गया कि पुरानी पेंशन को लेकर शिक्षक अपने अभियान के लिए अपने गली मोहल्ले,रिश्तेदारों से भी समर्थन मांगेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में प्रारंभ की गई नई पेंशन स्कीम किसी भी कर्मचारी शिक्षक के हित में नहीं है। इस पेंशन का इतना जबरदस्त दुष्परिणाम है।

पचास हजार रुपये मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को मात्र 3000 रुपये की पेंशन ही मिल रही है। मामला सिर्फ इतना ही नहीं है। सरकार ने जिस प्रकार कर्मिकों की जीपीएफ का हजारों करोड़ रुपया शेयर मार्केट में लगा दिया है इससे स्थिति और भी बदतर हो गयी है। राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल के जिलाध्यक्ष डॉ विवेक पाण्डेय ने नाराजगी जाहिर करते हुए पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की तथा प्रधानाचार्य विभागीय भर्ती को शिक्षकों के एक बड़े वर्ग के साथ धोखा करार करते हुए तत्काल पदोन्नति के माध्यम से सभी पदों को भरने की मांग की।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष नैनीताल डॉ विवेक पाण्डेय,जिला मंत्री नैनीताल नमिता पाठक, पूर्व मंडलीय मंत्री नवेंदु मठपाल,पूर्व मंडलीय मंत्री डॉ कन्नू जोशी,पूर्व जिलाध्यक्ष चंपावत पान सिंह मेहता, संयुक्त मंत्री नैनीताल त्रिलोक ब्रजवासी, संगठन मंत्री नैनीताल गिरीश काण्डपाल,जिला मीडिया प्रभारी गौरीशंकर काण्डपाल, पूर्व जिला उपाध्यक्ष विनोद जीना, अपूर्व उप्रेती, उम्मेद सिंह कपकोटी, सीपी खाती, बालकृष्ण चंद,संत सिंह,महेंद्र आर्य आदि कई शिक्षक सम्मिलित रहे।