भाजपा की पहली सूची में फूटा बगावत का बम, दर्जामंत्री समेत कइयों ने कर दी यह घोषणाएं…

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सौरभ बजाज, हल्द्वानी। विधानसभा चुनाव के सियासी रण में जीत की ताल ठोक रही भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में ही बगावत का बम निकल आया है। एक दिन बाद ही स्थिति यह हो गई है कि मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी रहे नैनीताल के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश आर्य समेत अन्य कई और सीटों पर भी वरिष्ठ दिग्गजों ने पार्टी नेतृत्व के निर्णय के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। ऐलान कर दिया है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। विपक्ष को चुनौती और पटकने देने का ताना-बाना बुन रही भाजपा को अब पहले अपने ही लड़ाकुओं से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है। हालांकि भाजपा का कहना है कि एक सीट पर एक ही प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया जा सकता है, ऐसे में सभी को संतुष्ट कर पाना तो संभव ही नहीं है। कार्यकर्ता नाराज हैं, उनसे बातचीत कर जल्द ही नाराजगी दूर कर दी जाएगी। अब देखते हैं कि भाजपा अपने पुराने कर्णधारों को कैसे मना पाती है, फिलहाल विपक्ष को इस बगावत में अपना हित दिखाई देने लगा है।

नैनीताल विधानसभा सीट पर तैयारी कर रहे मुख्यमंत्री के पीआरओ और पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश आर्या, अनुसूचित मोर्चा जिलाध्यक्ष प्रकाश आर्या व जिला मंत्री कमला आर्या ने प्रेसवार्ता करके भाजपा पर जमकर भड़ास निकाली। दिनेश आर्या ने कहा कि पहले कांग्रेस से आए संजीव को टिकट दे दिया गया, उसके बाद वह पांच साल सत्ता का स्वाद चखकर फिर कांग्रेस में वापस हो गए। अब कांग्रेस से सरिता आर्या आ गई, उनको टिकट दे दिया गया। ऐसा लगता है कि नैनीताल में भाजपा को दूसरे दलों से आने वाले नेताओं पर ही भरोसा रह गया है। अपने कार्यकर्ता भरोसेमंद नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में जब उन लोगों पर भरोसा रह ही नहीं गया है तो फिर वह लोग ही क्यों वर्षों से भाजपा का झंडा उठाए जा रहे हैं।

दिनेश आर्या ने कहा कि सरिता आर्या मजबूत प्रत्याशी होतीं तो कांग्रेस ही टिकट को क्यों मना करती, भाजपा ने ऐसे प्रत्याशी को टिकट देकर विपक्षी प्रत्याशी को वॉकओवर देने का काम किया है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही वह पार्टी पदाधिकारियों से विमर्श कर रणनीति का खुलासा करेंगे।

भीमताल सीट पर भाजपा ने निर्दलीय विधायक राम सिंह केडा को टिकट दे दिया है। इसके विरोध में पूर्व मंडी समिति सभापति और पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज शाह ने दर्जनों समर्थकों समेत इस्तीफा दे दिया है। साथ ही निर्दलीय लड़ने का एलान कर दिया है।

कालाढूंगी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बंशीधर भगत के नाम की घोषणा होते ही पार्टी के पूर्व महामंत्री एवं पूर्व दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री गजराज बिष्ट ने कहा कि पार्टी ने उनके साथ न्याय नहीं किया है। उनकी सेवाओं को नजरअंदाज किया गया। वह पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मंत्रणा कर जल्द रणनीति बनाएंगे।

ऊधमसिंह नगर जिले की वीआईपी सीट गदरपुर में भी बगावत का बिगुल बज गया है। टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेता रविन्द्र बजाज ने पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। चर्चा है कि बजाज समर्थकों समेत कांग्रेस में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। भाजपा के समस्त मोर्चा के प्रभारी रविंद्र बजाज ने कहा कि पार्टी के सर्वे में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे जीत नहीं रहे हैं। फिर भी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। इसका खामियाजा इस चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ेगा। रविंद्र बजाज 2007 में गदरपुर विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी थे और हार गए थे।

पिथौरागढ़ के धारचूला विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी घोषित होते ही तमाम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और पदों से इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वालों में सांसद प्रतिनिधि प्रमोद द्विवेदी, मुनस्यारी मंडल महामंत्री मनोज कुमार, निदेशक जिला सहकारी बैंक उत्त्तम गिरि गोस्वामी, जिला कोषाध्यक्ष ओबीसी प्रकोष्ठ पुष्कर नेगी, बूथ अध्यक्ष हरकोट, राजेंद्र सेमिया, सक्रिय सदस्य लवराज गोस्वामी, भाजयुमो पूर्व मंडल अध्यक्ष बबलू लोहनी, पूर्व मंडल महामंत्री हीरा सिंह मेहरा, सक्रिय सदस्य प्रेम सिंह नेगी, प्रह्लाद कठायत, रमेश फस्र्वाण और जगदीश उप्रेती शामिल हैं।
इस्तीफा देने वालों ने अपने इस्तीफे में भाजपा पर धारचूला के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। यहां बाहरी प्रत्याशी को थोपने का काम नहीं चलेगा।

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