प्रयागराज में महाकुंभ मेला के दौरान रात एक बजे एक घातक भगदड़ की घटना घटी, लेकिन अब स्थिति सामान्य बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक एक रेला आ गया, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए। इस हादसे में दर्जनभर लोगों की मौत की सूचना मिली है, हालांकि प्रशासन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। कई घायलों को एंबुलेंस द्वारा अस्पताल भेजा गया, और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम नोज पर जाने का प्रयास न करें और जहां हैं, वहीं स्नान कर लें। इसके अलावा, अखाड़ा परिषद ने सुबह होने वाले अमृत (शाही) स्नान को स्थगित कर दिया था, लेकिन अब उनका कहना है कि भीड़ कम होने के बाद वे स्नान करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, भगदड़ में 14 श्रद्धालुओं की मौत हुई है और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार किच्छा निवासी 57 वर्षीय महिला गुड्डी देवी भी हादसे का शिकार हुईं, जो अपने बेटे और बहू के साथ महाकुंभ में आई थीं। भगदड़ के दौरान वे अपने परिवार से बिछड़ गईं, और सुबह 6 बजे उनके बेटे को उनका शव मिला। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद उनका शव परिवार के साथ वापस भेजा जाएगा।
घटना के बाद सीएम योगी ने लखनऊ में उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर स्थिति पर कड़ी नजर रखी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने भी इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि इस कठिन समय में वे स्नान नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो दिल्ली चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, ने भी इस हादसे पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में कुछ पुण्यात्माओं की मृत्यु हुई है और कई लोग घायल हुए हैं। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। यूपी सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि मौनी अमावस्या के दिन करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे, और कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावट आई, लेकिन अब सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है।