लखनऊ। हाथरस में उस समय हड़कंप मच गया, जब बाईपास से सटी झाड़ियों में एक मासूम बच्चा काले रंग सूटकेस में बंद मिला। उसकी गर्दन पर चोट के निशान भी थे। आशंका जताई जा रही है कि किसी ने मासूम का गला घोंटकर उसे मरा हुआ समझ कर सूटकेस में बंद कर दिया था और फिर सूटकेस सड़क किनारे झाड़ी में फेंक दिया था। मगर गनीमत रहीं कि बच्चा जिंदा बच गया। लोगों ने जब बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो पास जाकर देखा तो आवाज सूटकेस से आ रही थी, जिसे देख वे दंग रह गए। सूटकेस खोलने पर बच्चे को बाहर निकाला गया।
घटना हाथरस से गुजरने वाले अलीगढ-आगरा बाईपास के गांव जोगिया की है। यहां ग्रामीण सुबह खेतों की ओर जा रहे थे, तभी उन्हें सड़क किनारे झाड़ियों में से बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। जिसे सुनकर लोग पास पहुंचे तो वहां काले रंग का एक सूटकेस दिखा। इसी सूटकेस में से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई। वहां पहुंचे लोगों ने सूटकेस खोलकर देखा तो सभी दंग रह गए। रोते-बिलखते बच्चे को लेकर वह गांव में आ गए।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों से पूछताछ करने के बाद बच्चे को गांव के एक परिवार के हवाले कर दिया। कोतवाली हाथरस गेट प्रभारी निरीक्षक केशव शर्मा ने बताया कि सुबह काले रंग के बैग में 6 महीने का बच्चा सड़क किनारे मिला है। बच्चे का डॉक्टरी परीक्षण कराया है। वह बिल्कुल स्वस्थ है । फिलहाल बच्चे की पहचान कराई जा रही है।
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