जागेश्वरधाम मंदिर समिति के प्रबंधक का कार्यकाल खत्म, अब होगी यह व्यवस्था

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अल्मोड़ा। जागेश्वरधाम की मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक का कार्यकाल खत्म हो गया है। उच्च न्यायालय के आदेश के तहत नए प्रबंधक व सदस्य की नियुक्ति तक जागेश्वर मंदिर समूह का प्रबंधन व देखरेख समिति की पदेन अध्यक्ष डीएम वंदना सिंह संभालेंगी।

जागेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट का कार्यकाल पूर्व में ही खत्म हो गया था, मगर वैश्विक महासंकट के मद्देनजर नए प्रबंधक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। तत्कालीन डीएम ने इसी साल जून में प्रबंधक का कार्यकाल दो माह के लिए बढ़ाया था, जो अब समाप्त हो गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रशासनिक स्तर पर उच्च न्यायालय के आदेश के तहत प्रबंध समिति के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

एक जनहित याचिका पर 2013 में उच्च न्यायालय ने मंदिर प्रबंध समिति के गठन का आदेश दिया था। इसके तहत डीएम को समिति का पदेन अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। साथ ही प्रबंधक की नियुक्ति कैसे होगी, उसे कौन किन परिस्थितियों में हटा सकता है। पुजारी कौन होंगे, राज्यपाल की ओर से एक सदस्य नामित किया जाएगा आदि व्यवस्थाएं बनाई गई थीं। तब से एक प्रबंध समिति जागेश्वर मंदिर समूह का प्रबंधन व देखरेख कर रही है। इसी के तहत अब नए प्रबंधक व सदस्य की नियुक्ति होने तक डीएम सुप्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह का प्रबंधन देखेंगी।

कुछ वर्षों से जागेश्वरधाम में प्रबंधन व पुजारियों के बीच मतभेद भी रहे। प्रबंधक पर पुरानी व्यवस्थाओ में बदलाव, पुजारियों की अनदेखी व निरंकुशता के आरोप भी लगते रहे। कई बार आपसी खींचतान सार्वजनिक भी हुए। पुजारी हितों से जुड़े मुद्दे भी उठते रहे हैं। बारी को लेकर विवाद रहा। हाल में आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप प्रकरण में भी पुजारी दो गुटों में बंटे दिखे थे। उम्मीद जगी है कि नई प्रबंध समिति गठित होने के बाद पवित्र जागेश्वरधाम में पुजारियों व प्रबंधन के बीच खटास खत्म होगी।

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