देहरादून। पर्यटकों की भारी आमद के कारण पार्किंग की समस्या से जूझ रहे प्रदेश के दो सबसे सुंदर शहर मसूरी और नैनीताल को जल्द ही राहत मिलने वाली है।इन दोनों पर्यटन शहरों में भूमिगत पार्किंग बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के साथ करार किया है। टीएचडीसी दोनों ही स्थानों पर 100-100 कारों के लिए भूमिगत पार्किंग बनाएगी। राज्य सरकार इसके लिए बजट देगी और टीएचडीसी अभियंत्रण सेवाएं देगी।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के ऋषिकेश मुख्यालय में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव कुमार विश्नोई ने बताया कि मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार की ओर से टीएचडीसी के समक्ष मसूरी और नैनीताल में भूमिगत पार्किंग बनाने का प्रस्ताव रखा था। जिस पर टीएचडीसी ने अपनी सहमति दे दी है। जल्दी ही तकनीकी टीम दोनों शहरों में स्थान का चयन कर इस पर अपनी रिपोर्ट दे देगी।
भविष्य में बढ़ सकती है पार्किंग क्षमता
राजीव कुमार विश्नोई ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से अर्बन डेवलपमेंट के तहत इस कार्य के लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा। प्रथम चरण में मसूरी में 100 और नैनीताल में 100 वाहनों की भूमिगत पार्किंग बनाई जाएगी। भविष्य में पार्किंग के विकास को लेकर यह योजना तैयार होगी। जरूरत पड़ेगी तो इन पार्किंग की क्षमता 500 वाहन तक बढ़ाई जा सकती है।
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में काम करती रही है टीएचडीसी
सीएमडी राजीव कुमार बिश्नोई ने बताया कि उत्तराखंड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में सड़कों के उपचार के लिए टीएचडीसी राज्य सरकार को कंसल्टेंसी के रूप में सेवा दे रही है। लोक निर्माण विभाग की 20 भूस्खलन प्रभावित सड़कों पर टीएचडीसी में काम पूरा कर दिया है। मसूरी और चमोली में यह काम किया गया है। इसके टीएचडीसी अल्गाड थत्यूड़, केंपटी चंदोगी बाईपास मार्ग, नैनीताल भवाली रोड, रानीखेत नैनीताल रोड, पीपल डाली लंबगांव, विकासनगर के इस इच्याडी से हिमाचल जाने वाली सड़क और कर्णप्रयाग पोखरी मार्ग पर टीएचडीसी ने अपनी सेवाएं दी है।
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