उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सरकारी धन के दुरूपयोग पर कड़ा रूख अख्तियार किया हुआ है। पिरान कलियर, हरिद्वार में नगर पंचायत के तत्कालीन अधिकारी द्वारा सरकारी धन के दुरुपयोग और अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाने के आरोपों की हाईकोर्ट ने गंभीरता से सुनवाई की। मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों और संस्थाओं को नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने तत्कालीन जिला पंचायत अधिकारी भगवंत सिंह विष्ठ, मैसर्स यूनिक इंटरप्राइजेज, कामाक्षी एसोसिएट के साथ-साथ सचिव शहरी विकास और निदेशक शहरी विकास को 23 जून तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई उसी दिन होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से भी इस प्रकरण की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
याचिकाकर्ता जमील ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि पिरान कलियर नगर पंचायत के तत्कालीन अधिकारी भगवंत सिंह विष्ठ ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि अधिकारी ने सरकारी कार्यों के लिए अपने पिता का वाहन इस्तेमाल किया, लेकिन इसके लिए किसी बोर्ड मीटिंग में अनुमति नहीं ली गई। साथ ही, वाहन का भुगतान उनकी बहन की फर्म को किया गया।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने न्यायालय का रुख किया।



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