Uttrakhand roadways : शुरू होने से पहले ही बसों के बंद होने की तैयारी, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के इस एलान ने खड़े किए कान। जानिए क्यों…

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हल्द्वानी : कोरोना संक्रमण को लेकर 2 महीने से बंद पड़ा उत्तराखंड रोडवेज की बसों का संचालन बुधवार को शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद शुरू हुए इस संचालन से यात्रियों ने काफी राहत की सांस ली है। वहीं दूसरी ओर रोडवेज बसों के चालक-परिचालकों को 6 महीने से वेतन ना मिलने के कारण आक्रोश बढ़ गया है। ऐसे में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने 15 जुलाई से कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। इस घोषणा से एक बार फिर बस संचालन बाधित होने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि कार्य बहिष्कार की नौबत न आए इसके लिए सरकार तेजी से होमवर्क करने में जुट गई है।

कोविड संक्रमण के बढ़ते केसों के चलते उत्तराखंड में रोडवेज बसों का संचालन 8 मई से बंद था। उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड ने अपनी सीमाओं को सील कर रखा था। जिस कारण रोडवेज की बसों का संचालन बंद करना पड़ा था। बसों का सीमित संचालन सिर्फ पर्वतीय मार्गो पर ही संचालित किया गया था। क्योंकि संक्रमण दर काफी कम हो गई है, ऐसे में यात्रियों के आवागमन को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से बसों के संचालन की अनुमति मांगी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर थी। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने बसों के संचालन के लिए अनुमति दे दी।उत्तराखंड में बुधवार से दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून आदि के लिए बसों का संचालन शुरू हो गया। इससे यात्रियों को काफी राहत भी मिली। लेकिन अब संचालन जारी रहेगा इसको लेकर फिर आशंका गहरा गई है। रोडवेज के चालक और परिचालकों को 6 महीने से वेतन ना देने को लेकर आक्रोश बढ़ गया है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है।

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै ने बताया निगम बोर्ड की बैठक में रोडवेज कर्मचारियों को आधा वेतन देने का फैसला लिया गया है। यह फैसला पूरी तरह अनुचित है और इससे चालक परिचालकों का परिवार नहीं चल सकेगा। लिहाजा 15 जुलाई की मध्य रात्रि से चालक परिचालकों का कार्य बहिष्कार शुरू हो जाएगा।