उत्तराखंड के ऋषिकेश में वन भूमि के सर्वे और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर विरोध प्रदर्शन शनिवार और रविवार को उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पहले नेशनल हाईवे जाम किया और फिर रविवार को मनसा देवी रेलवे लाइन बाधित कर ट्रेनों को रोक दिया। इस दौरान हरिद्वार बायपास मार्ग भी जाम किया गया और पुलिस पर पथराव किया गया। हालात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दो दिनों की घटनाओं के संबंध में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं।
पहले मामले में रायवाला में तैनात एसएसआई मनवर सिंह नेगी की तहरीर पर बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वन भूमि की नापजोख के लिए शनिवार को मालवीय नगर पहुंची टीम को श्यामपुर बाईपास पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा। दोपहर 1:30 बजे से शाम 4 बजे तक हाईवे जाम रहा। इस मामले में आठ लोगों को नामजद करते हुए 218 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
दूसरे मामले में शनिवार को गुमानीवाला क्षेत्र में सर्वे के दौरान वन विभाग की एक महिला रेंजर के साथ छेड़खानी, धक्का-मुक्की और मारपीट का आरोप लगाया गया है। पीड़िता की तहरीर पर कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी पहचान के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
तीसरे मामले में रविवार को मनसा देवी रेलवे फाटक पर एकत्र भीड़ द्वारा बलवा, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक अवरुद्ध करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस पर जानलेवा पथराव के आरोप में आठ नामजद और 8–10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के आदेशों के क्रम में वन विभाग, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम वन भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही थी। विरोध के दौरान रेलवे लाइन ब्लॉक होने से छह ट्रेनें देरी से चलीं और हजारों यात्रियों को परेशानी हुई। पुलिस ने स्थिति को शांतिपूर्वक संभालने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ द्वारा पथराव किए जाने से कई लोग घायल हुए।
प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए एसएसपी देहरादून मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से जानकारी लेकर यातायात सुचारु कराया। देर शाम श्यामपुर क्षेत्र में अतिरिक्त फोर्स के साथ फ्लैग मार्च भी किया गया।
पुलिस ने लाठीचार्ज के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। ऐसे दुष्प्रचार करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने जनता से अपील की है कि वन भूमि को निजी बताकर बेचने वालों की जानकारी पुलिस को दें, ताकि दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।



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