केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश, बदरीनाथ में भूकंप: उत्तराखंड में मॉक ड्रिल की तैयारियाँ

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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। गुरुवार को यात्रा से पहले सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने एक मॉक ड्रिल आयोजित किया। यह मॉक ड्रिल गढ़वाल क्षेत्र के चार जिलों में की गई, जिसमें विभिन्न प्रकार की आपदाओं और दुर्घटनाओं से निपटने के उपायों की समीक्षा की गई।

चमोली जिले के पागल नाल क्षेत्र में भूस्खलन की स्थिति का मॉक ड्रिल किया गया, जिसमें हाईवे बंद हो गया और तीर्थयात्री फंस गए। इस दौरान, फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालने और उनके लिए भोजन-जल की व्यवस्था करने के उपायों का परीक्षण किया गया।

चमोली जिले में बदरीनाथ क्षेत्र में 6.4 मैग्नीट्यूड का भूकंप आने पर श्रद्धालुओं के बीच दहशत फैलने की स्थिति का मॉक ड्रिल किया गया। इसके साथ ही लैंडस्लाइड और भगदड़ जैसी परिस्थितियों से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई।

चमोली में कमेड़ा गौचर में बदरीनाथ जा रही तीर्थयात्रियों की बस के 400 फीट गहरी खाई में गिरने और आंशिक रूप से अलकनंदा नदी में डूबने का मॉक ड्रिल किया गया। इस स्थिति में फंसे यात्रियों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के उपायों का अभ्यास किया गया।

उत्तरकाशी जिले के पाली गार्डन में बादल फटने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसमें 800 यात्री फंस गए। इस मॉक ड्रिल में बाढ़ से निपटने और फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया।

रुद्रप्रयाग जिले में फाटा से केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की स्थिति का मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद बचाव कार्य और घायल यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया का परीक्षण किया गया।

देहरादून जिले के ऋषिकेश में स्थित ट्रांजिट कैंप में आग लगने की स्थिति का मॉक ड्रिल किया गया, जिसमें 600 तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों का परीक्षण किया गया।

हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के इकट्ठा होने से भगदड़ मचने की स्थिति का मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान भगदड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों का अभ्यास किया गया।

इन सभी मॉक ड्रिल्स के दौरान, शासन और प्रशासन ने अपनी तैयारियों की पूरी समीक्षा की। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति में जान-माल का नुकसान कम से कम हो और त्वरित, प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। इस मॉक ड्रिल ने यह भी साबित किया कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा उपाय पूरी तरह से सुसज्जित और तैयार हैं।