न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। वेटिंग या अारएसी टिकट के चलते यात्रा न कर पाने वाले रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। रेलवे ने पेपर वाले आरक्षण चार्ट की जगह हैंड हेल्ड मशीन टिकट चेकिंग स्टाफ को देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इससे वेटिंग व आरएससी टिकट वाले यात्री को चलती ट्रेन में कोई सीट खाली होने पर खुद-ब-खुद सीट अलॉट हो जाएगा और उसके मोबाइल पर बर्थ नंबर भी आ जाएगा।
रेलवे शुरुआती दौर में 1000 ट्रेनों में जीपीएस से लैस ऐसी मशीन की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके बाद हैंड हेल्ड मशीन से ही आरक्षित श्रेणी वाली कोच के यात्रियों के टिकट की जांच होगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जो सीट खाली होगी, उसे टीटीई अपने मर्जी से किसी को नहीं दे सकेगा।
हैंड हेल्ड मशीन की वजह से प्लेटफार्म से ट्रेन छूटने के बाद अब सीटों का ऑनलाइन ब्योरा रहेगा। सीटें खाली रह जाने की स्थिति में अगले स्टेशन के यात्रियों को ऑनलाइन रिजवर्वेशन की सुविधा भी मिलेगी। कई बार ऐसा होता है कि यात्रियों का वेटिंग टिकट एक या दो पर अटक जाता है। इसी तरह आरएसी ही रह जाती है, जबकि कई कारणों से सीट खाली रह जाती है। जिसमें ट्रेन छूटने की वजह से या ट्रेन चलने के चंद मिनट पहले टिकट निरस्त कराना शामिल है।
ऐसी स्थिति में उस खाली सीट का ब्यौरा सिर्फ टीटीई के पास ही रह जाता है। उस सीट को मोटी कीमत के साथ टीटीई किसी अन्य यात्री को दे देता है और वेटिंग व आरएसी वाले उस खाली बर्थ के हकदार नहीं हो पाते। इसी तरह की असुविधा को ध्यान में रख रेलवे ने हैंड हेल्ड मशीन टीटीई को देना शुरू किया है। सफर के दौरान यात्रियों को सीट के लिए टीटीई से मिन्नतें भी नहीं करनी पड़ेगा। क्योंकि खाली सीट स्वत: यात्रियों को अलॉट हो जाएगा।
रेलवे ने इस तरह की सुविधा कुछ प्रीमियम ट्रेनों में शुरू भी की है। इसमें राजधानी, दुरंतो व शताब्दी ट्रेन शामिल है। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार ऐसी करीब 150 ट्रेनों के टिकट चेकिंग स्टाफ को यह मशीन दी गई है। 1,000 ट्रेनों के टीटीई को यह मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। यह मशीन जीपीएस से जुड़ा होगा और कॉमर्शियल विभाग के अधिकारी इस पर नजर रखेंगे। इसमें मोबाइल फोन वाला एक सिम लगा होता है जो इंटरनेट सर्वर से जुड़ा होगा और लगातार अपडेट देता रहता है। सीट खाली हुई तो अगले स्टेशन से करंट काउंटर पर प्रदर्शित होगा। इससे यात्री टिकट की बुकिंग भी करा सकेंगे।
टीटीई जिस खाली सीट को यात्री को देगा, उसकी पूरी डिटेल दर्ज हो जाएगी। इससे कौन सी सीट खाली है इसकी जानकारी पलक झपकते ही मिल जाएगी। ट्रेन का इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण चार्ट इसी मशीन में अपलोड होता है। जिससे टीटीई यात्रियों की उपस्थिति दर्ज करता है। इससे कई टन कागज की बचत होगी और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
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