उत्तराखंड में लोग अपनी सुरक्षा के प्रति सजग और चिंतित हैं। ऐसे में रूद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा से एक महत्वपूर्ण खबर आई है, जहां जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांडा-भरदार के ग्रामीणों ने फेरी करने वाले और बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला लिया है। इस निर्णय के तहत गांव की सीमा में तीन अलग-अलग स्थानों पर सूचना बोर्ड भी लगाए गए हैं।
ग्राम पंचायत मेदनपुर ने भी इसी तरह की कार्रवाई करते हुए बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। सितंबर माह में केदारघाटी के कई गांवों में बाहरी लोगों, खासकर फेरी वालों और रोहिंग्या प्रवासियों के गांव में व्यापार करने पर रोक लगाई गई थी। इन गांवों की सीमाओं पर पहले ही सूचना पट्ट लगाए गए थे, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आपत्तिजनक बोर्ड हटा दिए गए थे। अब, कांडा-भरदार में बाहरी और फेरी वालों के प्रवेश पर सख्त नियंत्रण लागू किया गया है।
ग्राम प्रधान अमित रावत ने बताया कि यह निर्णय ग्रामीणों की सहमति से लिया गया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में हालिया घटनाओं को देखते हुए यह जरूरी था। यदि कोई फेरी वाला या बाहरी व्यक्ति गांव में घूमता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उसे पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी भुगतना होगा।
पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने इस पहल की पुष्टि करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत अपने सीमा क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश को वर्जित करने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि किसी धर्म विशेष या जाति, समुदाय को लक्षित कर कोई भी बोर्ड लगाना गैरकानूनी है, और ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी।



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