पाकिस्तान के फैसलाबाद में क्रिस्टल केमिकल ग्लू फैक्ट्री में हुए भारी स्टीमर धमाके में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। मृतकों में एक ही परिवार के सात सदस्य शामिल हैं। धमाके के कारण पास की चार इंडस्ट्रियल यूनिट और मलिकपुर इलाके के नौ घर भी पूरी तरह तबाह हो गए।
घटना के समय फैक्ट्री में काम कर रहे वर्कर्स और आसपास के निवासी खतरनाक ज्वलनशील केमिकल के संपर्क में थे। पुलिस और रेस्क्यू टीम ने मरने वालों और घायलों को एलाइड हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया, जिसमें तीन घायलों की स्थिति गंभीर बताई गई। मृतकों की उम्र एक साल से 62 साल के बीच थी।
प्रभारी अधिकारी और फोरेंसिक टीम ने मौके की जांच शुरू की। फैक्ट्री के मालिक कैसर चुगताई और प्रशासनिक स्टाफ कथित तौर पर कई घंटे तक छिपे रहे। पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। कमिश्नर राजा जहांगीर अनवर से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी गई, और जांच व जिम्मेदारी तय करने के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई।
लेबर संगठनों ने भी सरकारी लापरवाही पर नाराजगी जताई। नेशनल ट्रेड यूनियन फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल नासिर मंसूर, लेबर कौमी मूवमेंट के चेयरमैन बाबा लतीफ अंसारी और हकीक ए खल्क पार्टी के चीफ फारूक तारिक ने कहा कि सुरक्षा उपाय लागू न होने के कारण फैक्ट्री मालिकों को खतरनाक हालात में काम करने की अनुमति मिली, जिससे वर्कर्स और निवासियों की जान खतरे में थी।
धमाके के बाद पुलिस ने फैक्ट्री मालिक कैसर चुगताई, मैनेजर बिलाल अली इमरान और छह अन्य लोगों के खिलाफ एंटी टेररिज्म एक्ट, पाकिस्तान पीनल कोड और एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की। मैनेजर, कुक और वर्कर्स को हिरासत में लिया गया। FIR में बताया गया कि निवासियों ने बार-बार परिसर में खतरनाक केमिकल स्टोर करने की चेतावनी दी थी, लेकिन प्रबंधन ने इन्हें अनदेखा किया।
धमाके के कारण ग्लू यूनिट सहित चार फैक्ट्रियों की छतें और पास के शहाब टाउन के नौ घर गिर गए। मृतकों में एक ही परिवार के सात लोग शामिल थे—62 वर्षीय शफीक, उनकी पत्नी मकसूदा, उनका बेटा इरफान, और पोते-पोतियां मुकद्दस (13), रेहान (12), मुहम्मद अहमद (10), अज़ान (4)।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर आशिक हुसैन और उनके तीन बेटे—ओबैद (24), उमर (22), बिलाल (20)—घर गिरने से मारे गए। दूसरे परिवार के चार सदस्य—फखरा (40), उनका एक साल का बेटा अली हसनैन, और बेटियां माहम (4) और जन्नत (3)—भी मलबे में दबकर जान गंवा बैठे। मृतकों में दो भाई वकास (25) और सैम (23), जो पास की एम्ब्रॉयडरी फैक्ट्री में काम करते थे, और फैक्ट्री वर्कर फजल भी शामिल हैं।



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