न्यूज जंक्शन 24, बरेली। बेटी के प्रेम प्रसंग में बाधा बनने पर पिता की हत्या उसी के अपनों के सामने की गई थी। हत्या में पत्नी, बेटी भी शामिल थी। बेटी को घर से ले जाने के दौरान पिता ने विरोध किया तो उसकी बेटी और उसके प्रेमी ने हाथापाई शुरू कर दी थी। प्रेमी ने सिर में डंडा मार दिया। इससे उसकी जान चली गई थी। कमरे में शव पड़ा था। लड़की पिता के शव को लांघकर प्रेमी के साथ भाग गई। घटना छिपाने के लिए लड़की की मां घर के बाहर दरवाजे पर बैठ गई। कुछ देर बाद रिश्तेदारों का आना शरू हुआ, तब ग्रामीणों को शक हुआ और यूपी 112 को सूचना दी। पुलिस पहुंची तो लड़की की मां ने घर में घुसने से रोका। पीआरवी के पुलिस कर्मियों ने थाने से पुलिस बल और महिला सिपाही बुलाई तब दरवाजा खोला। अंदर रामभरोसे का शव पड़ा था। मृतक के भतीजे की तहरीर पर युवती के प्रेमी के खिलाफ थाना शाही में रिपोर्ट दर्ज की गई है
शाही थाना क्षेत्र के गांव नरेली रसूलपुर निवासी चंद्रसेन व हुकुम सिंह ने बताया कि रामभरोसे उनके चाचा थे। रामभरोसे की बेटी गंगा का प्रेम-प्रसंग आनंदपुर निवासी श्रीपाल उर्फ छोटू से था। रामभरोसे इस बात का विरोध करते थे। उनकी पत्नी मीना और बेटा भी गंगा के पक्ष में बोलते थे। युवती की मां और भाई की शह पर आरोपी श्रीपाल रामभरोसे के घर आता-जाता था।
शनिवार को दिन में करीब 1:30 बजे श्रीपाल रामभरोसे के घर आया और गंगा को अपने साथ ले जाने लगा। इसका विरोध रामभरोसे ने किया तो मारपीट होने लगी। चंद्रसेन का आरोप है कि उनके चाचा को चचेरी बहन गंगा के प्रेमी ने डंडा मारकर हत्या कर दी। चंद्रसेन ने बताया कि यह पूरी घटना उसकी चाची मीना के सामने घटित हुई। रामभरोसे की हत्या करने के बाद श्रीपाल गंगा को लेकर भाग गया। जबकि उसकी चाची घर के बाहर बैठ गई थी। उसने किसी को घर में नहीं जाने दिया जब रिश्तेदार आने लगे तो गांव के लोगों को शक हुआ था। पुलिस ने शव घर से बाहर निकाला, तभी मीना भी फरार हो गई।
सिर में चोट लगने से हुई रामभरोसे की मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार रामभरोसे के शरीर पर चोट के कई निशान थे। उसकी मौत सिर में चोट लगने के कारण हुई है। रामभरोसे के शरीर पर कई जगह चोट लगने के निशान मिले। इससे पता चलता है कि उसको बेरहमी से पीटा गया। सिर में गहरी चोट लगना ही मौत की वजह बना।
छह दिन पहले भी हुआ था विवाद
चंद्रसेन ने बताया कि छह दिन पहले भी रामभरोसे की बेटी गंगा देवी श्रीपाल उर्फ छोटू के साथ कहीं घूमने गई थी। करीब छह सात घंटे बाद वह घर वापस आई। इससे रामभरोसे नाराज हुए और उन्होंने श्रीपाल के साथ मारपीट भी की थी। इस बात से श्रीपाल तो रामभरोसे रंजिश मानने लगा था। इस बात पर बेटी गंगा और पत्नी भी रामभरोसे से नाराज रहती थी।
शव ठिकाने लगाने के चक्कर में थी मीना
चंद्रसेन और हुकुम सिंह ने बताया कि चाचा की हत्या के बाद चाची मीना ने गंगा देवी को उसके प्रेमी श्रीपाल को भगा दिया। पहले तो किसी को अहसास नहीं हुआ कि चाचा की हत्या कर दी गई है लेकिन जब रिश्तेदार आने लगे, तब लोगों को शक हुआ। भतीजे हुकुम सिंह ने बताया कि समय पर पुलिस न पहुंचती तो आरोपी रामभरोसे के शव को ठिकाने लगा देते। चंद्रसेन ने बताया कि चाचा का शव मकान के अंदर पड़ा होने और किसी को अंदर न जाने देने के लिए चाची मीना पांच घंटे तक दरवाजे से नहीं हटी। दरवाजा घेरकर बैठने की वजह से एक भी ग्रामीण घर में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
अपने नाम करा ली जमीन
रामभरोसे के भतीजों ने बताया कि श्रीपाल खेती करते थे। उनके पास कुछ बीघा जमीन थी, जिसे मीना ने अपने भाई से दबाव डलवाकर अपने नाम करा ली थी। जमीन नाम होने के बाद मीना के तेवर तल्ख होते गए। वह आए दिन रामभरोसे से झगड़ा करती थी। उनकी बेटी और बेटा भी अपनी मां की हां में हां मिलाते थे।
छह माह के प्यार ने ले ली पिता की जान
ग्रामीणों का कहना है कि रामभरोसे की बेटी गंगा देवी और आनंदपुर के श्रीपाल का प्रेमप्रसंग करीब छह माह से चल रहा था। तभी से श्रीपाल का रामभरोसे के घर आना जाना था। बताते हैं कि श्रीपाल और गंगा देवी शादी करना चाहते थे, लेकिन रामभरोसे इसके विरोध में थे। गांव में चल रही बातों से रामभरोसे को अपनी इज्जत का ख्याल था। इसी वजह से मीना और रामभरोसे के बीच भी विवाद होता रहता था। लोगों ने बताया कि पिता के विरोध करने पर उनकी बेटी गंगा भी रामभरोसे से लड़ती थी।
सीओ मीरगंज एसके राय ने बताया कि इस प्रकरण में मृतक रामभरोसे के भतीजे चंद्रसेन की ओर से आनंदपुर निवासी श्रीपाल के खिलाफ तहरीर दी गई है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।